आईपीएल 2025 के मौजूदा सीज़न में एक रोमांचक मुकाबले के दौरान दिल्ली कैपिटल्स को शुरुआती झटका तब लगा जब जोश हेजलवुड ने अपनी घातक गेंदबाज़ी से अभिषेक पोरेल को पवेलियन भेज दिया। यह विकेट न केवल मैच की दिशा को प्रभावित कर सकता है, बल्कि दिल्ली की बल्लेबाजी क्रम की मजबूती पर भी सवाल खड़े करता है।
हेजलवुड की शानदार शुरुआत
जोश हेजलवुड ने जैसे ही गेंदबाज़ी की कमान संभाली, उन्होंने अपने अनुभव और सटीक लाइन-लेंथ से बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। उन्होंने पहली ही ओवर से गेंद को स्विंग कराते हुए बल्लेबाज़ों को खेलने पर मजबूर किया। इसी दबाव का नतीजा रहा कि दिल्ली कैपिटल्स के युवा बल्लेबाज़ अभिषेक पोरेल गलती कर बैठे और हेजलवुड की एक बाहर जाती गेंद पर शॉट खेलने की कोशिश में कीपर को कैच थमा बैठे।
दिल्ली को पहला झटका
अभिषेक पोरेल का विकेट गिरना दिल्ली के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि वे पारी को तेज शुरुआत देने की क्षमता रखते हैं। उनकी जगह पर आने वाले बल्लेबाज़ों पर अब और भी जिम्मेदारी बढ़ गई है, खासकर जब टीम को पॉवरप्ले में ही विकेट का नुकसान उठाना पड़ा हो।
हेजलवुड की गेंदबाज़ी में विविधता
हेजलवुड की गेंदबाज़ी में आज जो खास बात नजर आई, वह थी उनकी तेज़ी और मूवमेंट का शानदार तालमेल। उन्होंने सीम पोजिशन को इतनी खूबसूरती से बरकरार रखा कि बल्लेबाज़ों को अंदाज़ा ही नहीं हो पाया कि गेंद बाहर निकलेगी या अंदर आएगी। यही रणनीति अभिषेक पोरेल के खिलाफ कारगर रही और उन्होंने अपना विकेट गवां दिया।
मैच का प्रभाव
यह शुरुआती विकेट भले ही केवल एक खिलाड़ी का हो, लेकिन इसका असर पूरी दिल्ली कैपिटल्स की बल्लेबाजी पर देखने को मिल सकता है। आईपीएल जैसे हाई स्कोरिंग टूर्नामेंट में ओपनिंग पार्टनरशिप का अहम रोल होता है, और जब टीम शुरुआत में ही दबाव में आ जाए, तो रन रेट पर भी असर पड़ता है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
हेजलवुड की इस शानदार गेंदबाज़ी को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर तारीफ हो रही है। फैंस ने उन्हें “Powerplay Specialist” तक कहना शुरू कर दिया है। वहीं, दिल्ली कैपिटल्स के फैंस ने पोरेल से निराशा जताई लेकिन अगली पारी में बेहतर वापसी की उम्मीद भी जताई।
जोश हेजलवुड ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे बड़े मैचों के बड़े खिलाड़ी हैं। उनकी गेंदबाज़ी ने दिल्ली कैपिटल्स को मैच की शुरुआत में ही बैकफुट पर धकेल दिया है। अब देखना होगा कि दिल्ली की टीम इस शुरुआती झटके से कैसे उबरती है और क्या कोई बल्लेबाज़ इस दबाव को कम कर पाता है।