दिल्ली में इन दिनों वायरल बुखार के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए लोगों से घबराने की बजाय सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में 104 एक्टिव केस हैं, लेकिन ये सभी हल्के लक्षणों वाले हैं। मरीजों को बुखार, खांसी और सर्दी जैसी सामान्य वायरल बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं।”
वायरल बुखार के लक्षण
वायरल बुखार के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, सर्दी, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, कमजोरी, गले में खराश और शरीर में दर्द शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बुखार सामान्य से अधिक समय तक रहता है और जल्दी ठीक नहीं होता। इसमें 4-5 दिन के बजाय 14 से 15 दिन लग सकते हैं, और कभी-कभी पूरी तरह से ठीक होने में 20 दिन भी लग सकते हैं।
प्रदूषण का प्रभाव
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण भी वायरल संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है। डॉक्टरों का कहना है कि खराब एयर क्वालिटी के कारण लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो रही है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ रहे हैं। विशेषकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोग अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इन मरीजों पर इन्हेलर और नेबुलाइजर भी बेअसर हो रहे हैं, और उनकी दवाओं को बदलने की आवश्यकता पड़ रही है।
बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वायरल बुखार से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:
- मास्क पहनें: खांसी या सर्दी होने पर मास्क पहनें और दूसरों से दूरी बनाएं।
- हाथों की सफाई: साबुन और पानी से हाथ धोएं या सैनीटाइज़र का उपयोग करें।
- भीड़-भाड़ से बचें: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- ठंडे पदार्थों से परहेज: फ्रिज का पानी, ठंडी हवा और ठंडे खाद्य पदार्थों से बचें।
- स्वस्थ आहार: ताजे फल, सब्जियां और हल्का भोजन करें। पर्याप्त पानी पिएं।
डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों का कहना है कि वायरल बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें, क्योंकि इससे स्थिति बिगड़ सकती है। विशेषकर बुजुर्गों और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
दिल्ली में वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि एक गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि, अधिकांश मामले हल्के लक्षणों वाले हैं, फिर भी सावधानी बरतना आवश्यक है। स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह की अपील और विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार, लोगों को घबराने की बजाय सावधानी बरतनी चाहिए और उचित बचाव उपायों का पालन करना चाहिए। इससे न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा, बल्कि सामूहिक रूप से भी संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है।