नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस लगातार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। देश में डेली हजारों लोग संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना का संक्रमण उन्हीं लोगों पर हावी होता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। वह लोग जो अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रख पाते हैं और आए दिन किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ योग के बारे में। इन्हें आप थोड़ा सा समय निकालकर घर पर ही कर सकते हैं। यह योगासन आपकी श्वसन प्रणाली और फेफड़ों को स्वस्थ बनाने के लिए मददगार होंगे। ये आसन शरीर में ऑक्सीजन लेवल को भी मेंटेन रखेंगे।
वृक्षासन
वृक्षासन में ‘वृक्ष’ का अर्थ है पेड़ और ‘आसन’ का अर्थ है शरीर की मुद्रा। इसीलिए इस आसन में आप एक पेड़ की मुद्रा में होते हैं और उसमें संतुलन बनाना होता है। इस आसन में एक पैर पर खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर जोड़ते हुए उल्टा वी बनाया जाता है। इस स्थिति में जाने के दौरान गहरी सांस लेनी होती है और सामान्य स्थिति में लौटते समय, सांस छोड़ना होती है। वृक्षासन मुख्य रूप से एक बैलेंसिंग पोज है इसलिए यह शारीरिक और भावनात्मक दोनों संतुलन को बेहतर बनाने में सहायक है।
मत्स्यासन
इसमें पालथी बनाकर जमीन पर बैठ कर सिर को पीछे की ओर जमीन पर टिकाना होता है। रीढ़ की हड्डी जमीन से ऊपर उठी रहती है। छाती ऊपर उठी हुई रहती है, फेफड़ों में ऑक्सीजन के लिए अधिक जगह होती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर और मन के बीच संतुलन बना रहता है। इससे पूरा शरीर मजबूत बनता है। गला, छाती, पेट की तमाम बीमारियां दूर होती हैं और श्वसनक्रिया ठीक से चलती है।
ताड़ासन
ताड़ासन संस्कृत के दो शब्द ताड़ अर्थात पर्वत और आसन अर्थात बैठने की मुद्रा को मिलाकर बना है। इस योग को करने से लंबाई बढ़ती है। साथ ही पाचन तंत्र मजबूत होता है, शरीर में रक्त संचार सही से होता है, घुटनों, टखनों और भुजाओं में मजबूती आती है। जब आप अपने पैर के पंजों पर खड़े होते हैं और हाथों को सिर के ऊपर सीधे खींचते हैं, तो रेस्पिरेटरी सिस्टम में ऑक्सीजन के लिए अधिक जगह बनती है। इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
बालासन
बालासन का नाम बाल शब्द पर रखा गया है, जिसका मतलब होता है बच्चा। जमीन पर बैठकर हाथों को भी जमीन पर टिकाना होता है। इससे ब्रीदिंग पैटर्न नियमित होता है। फेफड़ों में ऑक्सीजन बढ़ता है और रक्त में भी अधिक ऑक्सीजन पहुंचता है। साथ ही यह दिमाग को शांत करता है और हल्के असुवाद से राहत देने में मदद करता है। बालासन पूरे शरीर को आराम देता है।
त्रिकोणासन
त्रिकोण’ का अर्थ होता है त्रिभुज और आसन का अर्थ योग है। इसको करने के लिए सीधे खड़े हो जाइए। गहरी सांस लीजिए। धीरे-धीरे सांस छोड़ते एक हाथ नीचे की ओर ले जाइए व दूसरा हाथ ऊपर की ओर। इससे पेट की बाहरी मसल की कसरत होती है। श्वसन प्रक्रिया बेहतर बनती है। यह आसन करने से गर्दन, पीठ, कमर और पैर के स्नायु मजबूत होते हैं। शरीर का संतुलन ठीक होता हैं।