नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) का कहर धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन ब्लैक फंगस (Black Fungus) बड़ा खतरा बनकर सामने आया है और संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच योगगुरु स्वामी रामदेव (Yog Guru Swami Ramdev) ने दावा किया है कि वह जल्द ही ब्लैक फंगस की दवा लेकर आने वाले हैं.
एक कार्यक्रम में स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने कहा, ‘एक सप्ताह के अंदर ब्लैक फंगस, येलो फंगस और व्हाइट फंगस का आयुर्वेदिक इलाज लेकर आने वाला हूं. इसको लेकर काम पूरा हो चुका है और प्रक्रिया फाइनल स्टेज में है. हम अभी फंगस की दवाई बना रहे हैं.
कैसे शुरू हुआ बाबा रामदेव-आईएमए का विवाद
बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच विवाद एक बयान को लेकर शुरू हुआ था. बाबा रामदेव ने मॉडर्न एलोपैथी को स्टुपिड और दीवालिया साइंस करार दिया था. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन की अपील पर उन्होंन अपना बयान वापस ले लिया था.
बयान वापस लेने के बाद स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) ने इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) और फार्मा कंपनियों से 25 सवाल पूछे. बाबा रामदेव ने बीपी, टाइप-1, टाइप-2 डायबिटीज, थायराइड जैसी कई बीमारियों को लेकर सवाल पूछा कि क्या उनके पास इनका स्थायी समाधान है. बाबा रामदेव ने कहा पूछा कि एलोपैथी के पास फैटी लिवर, लीवर सिरोसिस, हेपटाइटिस को क्योर करने के लिए मेडिसिन क्या है?
आईएमए (IMA) से विवाद पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कहा, ‘मैं न तो एलोपैथी के खिलाफ हूं, न डॉक्टर्स के खिलाफ हूं और आईएमए के खिलाफ होने का कोई प्रश्न नहीं है. ठीक है, उन्हें अपनी राजनीति चलानी है और डॉक्टरों के बीच में अपनी नेतागिरी करनी है तो उसके साथ में लड़ाई का कोई प्रश्न नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी असली लड़ाई ड्रग माफिया के खिलाफ है, जो दो रुपये की दवा को 2000 रुपये में और कभी कभी तो 10-10 हजार में बेचते हैं. इसके अलावा गैर जरूरी ऑपरेशन करते हैं और गैर जरूरी टेस्ट करते हैं.’