Trump's Master Stroke Against China - Signing of Law to Give Tibetans 'Freedom' Will Choose Next Dalai Lama

चीन के खिलाफ ट्रंप का मास्टर स्ट्रोक – तिब्बतियों को ‘आजादी’ देने वाले कानून पर हस्ताक्षर, चुन सकेंगे अगला दलाई लामा

नई दिल्ली। चीन और अमेरिका के बीच तनाव का माहौल लगातार जारी है, इसी बीच बीजिंग की ओर से मिल रही चेतावनियों को दरकिनार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप ने मास्ट्रक स्टोर खेला है। ट्रंप ने उस कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जो तिब्बतियों को उनके धर्म गुरु दलाई लामा के अगले उत्तराधिकारी को चुनने का हक देता है। ‘दि तिब्बत पॉलिसी एंड सपोर्ट ऐक्ट’ को अमेरिकी कांग्रेस ने पिछले हफ्ते ही पास किया था जिससे चीन बुरी तरह चिढ़ गया और उसके विदेश मंत्रालय ने इस कानून को चीन के आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी की कोशिश बताया था।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीते हफ्ते इस विधेयक के पारित होने के बाद कहा था, ‘हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह चीन के अंदरूनी मामलों में दखल न दें और इन नाकारात्मक कानूनों पर हस्ताक्षर करने से बचे। ऐसा न हो कि यह भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाए।’

सोमवार को नए कानून बनने की खबरों के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग अमेरिका के इस कानून को स्वीकार नहीं करता और तिब्बत से जुड़े मुद्दे हमारे घरेलू मामले हैं।

अमेरिका के कानून में तिब्बत के शहब ल्हासा में अमेरिकी दूतावास खोलने की मांग की गई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि तिब्बतियों को 14वें दलाई लामा का उत्तराधिकारी चुनने का पूरा अधिकार है। वहीं, दलाई लामा को अलगाववादी, खतरनाक बताने वाला चीन कहता है कि तिब्बत के धर्मगुरु के चुनाव में बीजिंग की स्वीकृति लेना जरूरी है। हालांकि, तिब्बत चीन के इस दावे को नहीं मानते।

क्या कहता है कानून?

  • नए कानून के तहत तिब्बत के मामलों पर अमेरिका के विशेष राजनयिक को यह अधिकार दिया गया है कि अगले दलाई लामा का चयन सिर्फ तिब्बत बौद्ध समुदाय द्वारा किया जाए। यह सुनिश्चित करने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन कर सकता है।
  • इसमें तिब्बत में तिब्बती समुदायों के समर्थन में गैर-सरकारी संगठनों को सहायता का प्रस्ताव है।
  • इसमें अमेरिका में नए चीनी वाणिज्य दूतावासों पर तब तक पाबंदी की बात है जब तक तिब्बत के ल्हासा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की स्थापना नहीं की जाती।
  • यह कानून अमेरिका सरकार को उस किसी भी चीनी अधिकारी पर आर्थिक और वीजा पाबंदियां लगाने का निर्देश देता है जो दलाईलामा के उत्तराधिकारी के विषय में दखल देता है।
  • इस कानून में चीन पर तबतक अमेरिका में कोई भी नया वाणिज्यिक दूतावास खोलने से रोक लगाया गया है जबतक अमेरिका को तिब्बत में अपना राजनयिक कार्यालय खोलने की अनुमति मिल नहीं जाती है।
Scroll to Top