भोपाल। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एक-दो दिन में प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर देंगे। रविवार शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और संगठन सह महामंत्री हितानंद शर्मा के साथ बैठक में नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद सूची जारी की जाएगी। भाजपा सूत्रों की मानें तो नई कार्यकारिणी में उम्र का खासा ध्यान रखा जा रहा है। संगठन युवाओं पर ज्यादा फोकस कर रहा है, इसलिए अधिकांश पदाधिकारी 55 वर्ष से ज्यादा उम्र के नहीं होंगे। संगठन में भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को भी जगह मिल सकती है।
संगठन में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखा गया है। सिंधिया के समर्थकों को कार्यसमिति में कम ही जगह मिलेगी, उन्हें मोर्चों में एडजस्ट किए जाने की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि कार्यकारिणी में एससी-एसटी और ओबीसी के ज्यादा लोगों को जगह दी जाएगी। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से केवल 3-4 लोगों को एडजस्ट किया जाएगा। इसमें एक-दो प्रवक्ता और एक चेहरा संगठन में होगा। इनमें पंकज चतुर्वेदी, विधायक मनोज चौधरी और रक्षा सिरोनिया को संगठन में जिम्मेदारी देने को तैयार है, लेकिन सिंधिया खेमा दोनों विधायकों को मंत्री बनवाना चाहता है। कैबिनेट विस्तार में केवल तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को लिया गया है।
उम्र को लेकर 55 का क्राइटेरिया
केंद्रीय नेतृत्व ने यह साफ कर दिया है कि बहुत ज्यादा मजबूरी या विवशता न हो तो टीम में 55 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले को संगठन में जिम्मेदारी न दी जाए। दरअसल, कई वरिष्ठ नेता दबाव बना रहे थे कि उन्हें मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया तो कम से कम संगठन में सम्मान मिले। इसमें पूर्व मंत्री और तीन से चार बार के विधायक हैं।
10 उपाध्यक्ष और 10 प्रदेश मंत्री बनेंगे
सूत्रों का कहना है कि टीम वीडी में 10 उपाध्यक्ष और 10 प्रदेश मंत्री रहेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद भदौरिया, उषा ठाकुर और बृजेंद्र प्रताप सिंह को संगठन से बाहर करने पर सहमति बन गई है। दरअसल, तीनों नेता शिवराज सरकार में मंत्री हैं। अब संगठन में इनकी जगह तीन नए लोगों को जगह दी जाएगी।
पांच साल से संगठन में बदलाव नहीं
भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में पांच साल से बदलाव नहीं हुआ है। सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने नई टीम बनाई थी, लेकिन इसके बाद से अभी तक प्रदेश कार्यकारिणी का पुनर्गठन नहीं हो पाया है। चौहान के बाद सांसद राकेश सिंह को प्रदेश संगठन की कमान मिली थी, लेकिन वे भी टीम नहीं बना पाए थे। सिंह के बाद इसी साल फरवरी में सांसद वीडी शर्मा प्रदेश अध्यक्ष बने, लेकिन वे भी अभी तक कार्यकारिणी घोषित नहीं कर पाए।