The country is celebrating National Sports Day today in memory of hockey magician Major Dhyan Chand.

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की याद में देश आज मना रहा राष्ट्रीय खेल दिवस

खेल दिवस। तीन ओलिंपिक खेलों में देश को हॉकी का गोल्ड मैडल दिलाने वाले मेजर ध्यानचंद की याद में आज देश राष्ट्रीय खेल दिवस मना रहा है। आज ही के दिन मेजर ध्यानचंद की जयंती है। मेजर ध्यानचंद ने ओलिंपिक में भारत का झंडा उस समय लहरा दिया था जब इस देश में खेलों को ब्रिटिश सरकार किसी तरह की सुविधा नहीं देती थी। उनकी प्रतिभा का अंदाज इस तरह लगाया जा सकता है कि उन्हें खेलते हुए देख हिटलर ने जर्मनी की तरफ से खेलने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। बर्लिन ओलिंपिक्स में उनकी हॉकी स्टिक तक हिटलर ने बदलवा दी थी लेकिन यह भी उन्हें नहीं रोक सकी। उस मैच में भारत ने रिकॉर्ड गोलों से जीत हालिस की।

मेजर ध्यानचंद का कद हॉकी में उतना ही बड़ा है जितना फुटबॉल में पेले, और क्रिकेट में सर डॉन ब्रेडमैन का। इन दोनों खिलाड़ियों की प्रतिभा को टक्कर देने वाला खिलाड़ी तो आ चुके हैं, लेकिन ध्यानचंद जैसा अब तक कोई भी नहीं है।

ध्यानचंद ने जिन तीन ओलिंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था वे साल 1928 में एम्सटर्डम , 1932 में लॉस एंजिल्स और 1936 में बर्लिन में खेले गए थे। हॉकी में भारत का नाम करने के बाद साल 1965 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। हम देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मेजर ध्यानचंद के सम्मान में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाते हैं। इस दिन राष्ट्रपति द्रोणाचार्य, मेजर ध्यानचंद और अर्जुन अवॉर्ड देकर खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं। इस साल स्पोर्ट्स डे का समारोह कुछ दिन बाद होगा इसका कारण पैरालिंपिक्स में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों शामिल करना बताया जा रहा है।

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