काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान ने अमेरिका को धमकाया है। तालिबान ने कहा- अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के मिशन की डेडलाइन को 31 अगस्त के आगे न बढ़ाया जाए। अगर यूएस आर्मी इसके बाद भी यहां रुकती है, तो अमेरिका को इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। तालिबानी प्रवक्ता सोहैल शाहीन ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था, उनकी फौज 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से चली जाएगी। इस तारीख को आगे बढ़ाने का मतलब है अफगानिस्तान में यूएस आर्मी फिर अपना कब्जा बढ़ा रही है। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका को इसका परिणाम भुगतना होगा। तालिबान के बयान के बाद अब जो बाइडेन और फ्रांस की सरकार ने कहा है कि हम अपने लोगों को निकालने का अभियान 31 अगस्त के बाद भी जारी रखेंगे।
केंद्र ने 26 अगस्त को सभी पार्टियों की बैठक बुलाई : अफगानिस्तान के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने 26 अगस्त को सभी पार्टियों की बैठक बुलाई है। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया, उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी ने सांसदों को अफगानिस्तान के हालात के बारे में जानकारी देने को कहा है।
अफगानिस्तान से 146 भारतीय निकाले गए
अफगानिस्तान से निकाले गए भारत के 146 भारतीय नागरिक कतर की राजधानी से 4 अलग-अलग विमानों के जरिए सोमवार को भारत पहुंचे। इन नागरिकों को अमेरिका और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाया गया था। अधिकारियों ने बताया, अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों और अफगान भागीदारों को निकालने के भारत के अभियान के तहत इन लोगों को दिल्ली लाया गया। काबुल में निकासी अभियान शुरू करने के बाद दोहा से भारत लाया गया यह भारतीयों का दूसरा जत्था है।
काबुल में चली गोलियां, 1 अफगान सैनिक की मौत
अफगानिस्तान छोड़ने के लिए मची अफरातफरी के बीच काबुल एयरपोर्ट के एक द्वार के पास सोमवार तड़के गोलीबारी में एक अफगान सैनिक की मौत हो गई। जर्मनी के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इधर, तालिबान ने अपने लड़ाकों को उत्तरी क्षेत्र में भेजा है, जहां पर उसे भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही पंजशीर को भी तालिबानी लड़ाकों ने घेर लिया है। वहीं अहमद मसूद का कहना है कि उन्होंने 50 तालिबानी लड़ाकों को मार गिराया है और 20 को बंधक बना लिया है। सूत्रों के अनुसार इस लड़ाई में तालिबान के तीन क्षेत्रीय कमांडर भी मारे गए हैं।