नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को प्रदूषण को लेकर जारी सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एनसीआर में केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या बहुत अधिक नहीं है. केंद्र ने कहा कि जब भी वर्क फ्रॉम होम की बात आती है तो अधिक नुकसान होते है. वर्क फ्रॉम होम का सीमित प्रभाव होगा. इसलिए हमने कार पूलिंग की सलाह दी है. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमारा ध्यान प्रदूषण कम करने पर है. आप सभी एक ऐसे मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं जो प्रासंगिक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि आखिर पटाखों पर बैन के बावजूद भी दिवाली पर पटाखे क्यों जलाए गए.
Solicitor General tells Supreme Court that meteorological scientists were also there in the emergency meeting and according to them the wind flow will be there after November 21; says "Would this court not consider waiting till Nov 21 before implementing harsh measures."
— ANI (@ANI) November 17, 2021
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कहा अगर पराली जलाना 3-4 फीसद है तो इसे संबोधित करने की आवश्यकता नहीं है. हम यह कहना चाहते हैं कि यह एक कारण है. सीजेआई ने कहा कि हम किसानों को दंडित या परेशान करना नहीं चाहते हैं. आखिर किसान को पराली जलाना क्यों पड़ता. पांच सितारा होटल के एसी में बैठकर किसानों को दोष देना बहुत आसान है. सीजेआई ने कहा कि आप पूसा शोध अध्ययन का हवाला देते रहते हैं, लेकिन पहले से ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि पराली के प्रबंधन का तरीका विफल है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पराली को लेकर किसानों को सजा नहीं देना चाहती. अदालत ने कहा- किसानों की क्या दिक्कत है. वो मशीन का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं? फाइव स्टार होटल में बैठ कर लोग आंकड़े बता रहे हैं. किसानों से जा कर बात करिए और पता करिए उनके पास पैसा है कि नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि एक राज्य के तौर पर आपने क्या किया है? आपने प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया है? हरियाणा की तरफ से कहा गया कि कल की मीटिंग में जो भी तय हुआ उसका 90 फीसदी हम पहले ही लागू कर चुके हैं. पंजाब ने कहा हम एनसीआर रीजन में नहीं आते, इसलिए हमने ऐसा कुछ नहीं किया है लेकिन हमने अपनी तरफ से कई उपाय जरूर किए हैं.
Counsel appearing for Punjab government tells Supreme Court the State doesn't fall under Delhi-NCR region but has taken measures (for stubble burning)
— ANI (@ANI) November 17, 2021