States redressed 69,523 complaints in July, UP tops among states receiving less than 20,000 complaints

राज्यों ने जुलाई में 69,523 शिकायतों का किया निवारण, 20,000 से कम शिकायतें प्राप्त करने वाले राज्यों UP अव्‍वल

नई दिल्ली, पीटीआई। कार्मिक मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जुलाई में विभिन्न राज्यों द्वारा कुल 69,523 सार्वजनिक शिकायतों का निवारण किया गया। इससे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों में लंबित शिकायतों में 1,79,077 की कमी आई।

सीपीजीआरएएमएस की 12वीं मासिक रिपोर्ट जारी
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने जुलाई, 2023 के लिए राज्यों के लिए केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) की 12वीं मासिक रिपोर्ट जारी की है। डीएआरपीजी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार श्रेणियों में रैंक करता है। पूर्वोतर राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, शिकायतों की प्राप्ति की संख्या के आधार पर राज्यों के लिए दो अन्य श्रेणियों को विभाजित किया जाता है।

केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में लक्षद्वीप नंबर वन
कार्मिक मंत्रालय के बयान के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में लक्षद्वीप को पहला स्थान मिला है, उसके बाद अंडमान और निकोबार और लद्दाख हैं। पूर्वोत्तर में सबसे अधिक शिकायतों का निपटारा करने में सिक्किम शीर्ष पर है। इसमें कहा गया है कि सिक्किम के बाद असम और अरुणाचल प्रदेश का स्थान है।

यूपी के बाद झारखंड और राजस्‍थान का नंबर
20,000 से कम शिकायतें प्राप्त करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, इसके बाद झारखंड और राजस्थान हैं। वहीं, 20,000 से अधिक सार्वजनिक शिकायतें प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में तेलंगाना शीर्ष पर है। इसके बाद छत्तीसगढ़ और केरल का स्थान है।

कुल 69,523 शिकायतों का किया गया निवारण
बयान के अनुसार जुलाई, 2023 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल 69,523 शिकायतों का निवारण किया गया। इसके अनुसार, सीपीजीआरएएमएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों की लंबित संख्या राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों में घटकर 1,79,077 हो गई है। इसमें कहा गया है कि यह रैंकिंग राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी शिकायत निवारण प्रणाली की समीक्षा और सुव्यवस्थित करने और अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ तुलनात्मक मूल्यांकन करने में सहायता करने संबंधी केंद्र सरकार के प्रयास का हिस्सा है।

 

Source: Jagran

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