यूक्रेन | यूक्रेन पर जारी रूसी हमलों के 13 दिन हो गए हैं. यूक्रेन के शहरों पर रूस की बमबारी, मिसाइल हमले, रॉकेट अटैक और सैनिकों से आमने-सामने की जंग जारी है. रूस अत्याधुनिक हथियारों से यूक्रेन के शहरों पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है. शहर-शहर तबाही का मंजर है. लाखों लोग जंग के बीच यूक्रेन छोड़कर पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं. जंग कब थमेगी दूर-दूर तक इसके कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. लेकिन दुनिया के लिए हैरानी की बात ये है कि परमाणु हथियारों से संपन्न रूस के सामने यूक्रेन की सेना पिछले 13 दिन से कैसे टिकी हुई है.
रूस जिसके हथियार दुनिया के आधे से अधिक देश खरीदते हैं और अपनी सैन्य ताकत पर गुमान करते हैं उसके सामने यूक्रेन अकेले कैसे टिका हुआ है और जिस लड़ाई को अधिक से अधिक दो दिन का माना जा रहा था वो दो हफ्ते बाद भी निर्णायक स्थिति में कैसे नहीं पहुंच सका है. खुद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने राजधानी कीव में मोर्चा संभाल रखा है. यूक्रेन का हर आम और खास शख्स हाथों में हथियार उठा रूस से लोहा लेने के लिए तैयार दिख रहा है. अगर चेर्नोबिल-सुमी जैसे कुछ शहरों को छोड़ दें तो राजधानी कीव समेत यूक्रेन का कोई भी बड़ा शहर अभी रूस के कब्जे में नहीं आ सका है. देश के दूसरे बड़े शहर खारकीव में भी कब्जे की घमासान जंग जारी है.
किन देशों से पहुंच रही है मदद?
रूस से जंग के लिए यूक्रेन को घातक हथियारों की सप्लाई लगातार जारी है और इसके लिए अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देश सीक्रेट सैन्य अड्डे के साथ-साथ सीक्रेट सैन्य और एयर रूट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. नाटो भले ही यूक्रेन के पक्ष में सेना न भेज रहा हो लेकिन सदस्य देशों की ओर से सैन्य साजो-सामान और आर्थिक मदद लगातार पहुंचाई जा रही है. जंग में यूक्रेन को मिल रही सीक्रेट मदद को लेकर रूस ने पड़ोसी देशों को चेतावनी भी दी है. रूस ने 31 दुश्मन देशों की लिस्ट जारी की है जिसमें अमेरिका-ब्रिटेन समेत यूक्रेन से सहानुभूति रखने वाले और यूक्रेन के पड़ोसी देशों के नाम शामिल किए गए हैं. रूस ने यूक्रेन को मदद पहुंचा रहे उसके पड़ोसी देशों को नतीजे भुगतने की चेतावनी भी दी है.
क्या है सीक्रेट अड्डे पर दावा?
इन रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका यूक्रेन बॉर्डर के पास स्थित एक सीक्रेट एयरफील्ड का इस्तेमाल हथियार सप्लाई के लिए कर रहा है. हालांकि, इस अड्डे के लोकेशन का खुलासा नहीं किया गया है लेकिन इसके पोलैंड या पड़ोसी देशों में कहीं स्थित होने की अटकलें लगाई जा रही हैं जो यूक्रेन के पश्चिमी बॉर्डर के एकदम करीब है. गौरतलब है कि रूस ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से से हमला किया है और कई शहरों पर कब्जे की जंग जारी है. लेकिन यूरोप के देशों से सटे यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों में अभी भी यूक्रेनी सेना का दबदबा कायम है.
रिपोर्ट के अनुसार इस एयरफील्ड से रोज करीब 17-18 सैन्य विमान उड़ान भर रहे हैं या सैन्य साजो-सामान लेकर पहुंच रहे हैं. इन हथियारों में मिसाइलों तक की सप्लाई भी की जा रही है. अमेरिकी डिफेंस रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका और नाटो देश अब तक यूक्रेन को 17000 एंटी टैंक मिसाइल, 2000 एंटी-एयरक्राफ्ट स्टिंगर मिसाइलें सप्लाई कर चुके हैं. यहां सैन्य साजो-सामान पहुंचने के बाद उन्हें सड़क मार्ग से यूक्रेन की सीमा में दाखिल कराया जा रहा है और जंग के मोर्चों पर भेजा जा रहा है. हथियारों की सप्लाई के इस सड़क और एयर रूट पर रूसी हमले की आशंका को लेकर भी पश्चिमी देश अलर्ट हैं और इसलिए काफी गोपनीयता बरती जा रही है.
कैसे अंजाम दिया जा रहा सीक्रेट ऑपरेशन को?
जापानी मीडिया में भी इन अड्डों को लेकर कई दावे किए गए हैं. जिसके अनुसार, अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 कार्गो विमानों से इन हथियारों को सीक्रेट अड्डे तक पहुंचाया जाता है. इस ऑपरेशन में सादी वर्दी पहने लोगों को शामिल किया जा रहा है जो कवर की गईं मिसाइलों को कार्गो विमानों से उतारकर रख रहे हैं. इन मिसाइलों को लंबे समय तक उन अड्डों पर नहीं रखा जा रहा है और उन्हें यूक्रेन सीमा की ओर कम से कम समय में शिफ्ट किया जा रहा है. रोजाना इस अड्डे पर 17-18 विमान सैन्य साजो-सामान लेकर पहुंच रहे हैं जिनमें से 4-5 ही अमेरिकन मदद के विमान होते हैं. बाकी की मदद दूसरे पश्चिमी देशों की ओर से आ रही हैं.
किन चीजों की हो रही सप्लाई?
यूक्रेन को भेजे जा रहे इन सैन्य साजो-सामान में एंटी-टैंक मिसाइलें, मिसाइल लॉन्चर, सर्फेस टू एयर स्टिंगर मिसाइलें, सैन्य वाहन, ईंधन, कारतूस, बारूद, असॉल्ट राइफलें और सैनिकों के लिए राशन आदि शामिल हैं. युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 15 लाख से अधिक लोग यूक्रेन से पड़ोसी देशों में शरण लेने पहुंचे हैं जिनमें से सबसे अधिक 10 लाख से अधिक शरणार्थी पोलैंड पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि इसी पोलैंड के रास्ते सैन्य मदद यूक्रेन पहुंच रहा है. हालांकि, रूसी चेतावनी के बाद अब पोलैंड इस बात से इनकार कर रहा है कि उसकी ओर से यूक्रेन को सैन्य मदद दी जा रही है.