नई दिल्ली। कोविड मामलों में आई कमी से राज्यों में लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के साथ आर्थिक गतिविधि में सुधार के तत्काल संकेत मिल रहे हैं। इससे कंपनियों को अगले छह से 12 महीने में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई। फिक्की और ध्रुवा एडवाइजर्स द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली 212 कंपनियों में से करीब 60 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि राज्य स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन से उनके कारोबार पर काफी असर पड़ा। सर्वेक्षण के मुताबिक देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लगने और महामारी की दूसरी लहर की प्रचंडता की वजह से उपभोक्ताओं की भावना पर असर पड़ने के साथ कंपनियों ने मांग में स्पष्ट रूप से कमी का सामना किया। इस बार न केवल शहरी इलाकों में मांग पर असर पड़ा बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी मांग संकुचित हुई। सर्वेक्षण के अनुसार, जहां दूसरी लहर की वजह से लगाए गए लॉकडाउन का व्यापारिक इकाइयों पर असर साफ दिख रहा है, अब उम्मीद की एक किरण नजर आ रही है। अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन हटने के साथ, आर्थिक गतिविधि में सुधार के तत्काल संकेत मिल रहे हैं।” फिक्की ने कहा कि कोविड-19 के नये मामलों की संख्या कम होने और राज्यों में लॉकडाउन हटने के साथ, उम्मीद है कि आने वाले महीनों में कारोबार एवं आर्थिक गतिविधियां एक बार फिर सामान्य हो जाएंगी।
उद्योग जगत ने संतुलित जीवन, योग पर दिया जोर
नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत ने संतुलित जीवन तथा योग को प्रोत्साहन पर जोर दिया है। अंतरराष्टय योग दिवस के मौके पर उद्योग जगत ने कहा कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग को अपनाने की जरूरत है, विशेषरूप से मौजूदा महामारी के दौर में। अंतरराष्टय योग दिवस पर बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने योग करते हुए अपनी तस्वीर ट्वीट की है। उन्होंने लिखा, योग अपने जीवन में संतुलन स्थापित करने के लिए है।