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12 लाख की वसूली में उलझे एसआई को किया एसीपी सराफा कार्यालय में अटैच

इन्दौर | एसआई व हेड कांस्टेबल के खिलाफ जांच शुरू: एडवाइजरी कंपनी में दबिश के नाम पर कंपनी संचालकों से 12 लाख रुपए की वसूली करने के आरोप में घिरे भंवरकुआं थाने के एसआई व हेड कांस्टेबल के खिलाफ जांच शुरू हुई है। डीसीपी जोन-4 के निर्देश पर की जा रही प्रायमरी जांच के चलते एसआई को एसीपी सराफा के कार्यालय में अटैच करने के निर्देश हुए हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व एक एडवाइजरी कंपनी पर क्राइम ब्रांच ने दबिश देकर कुछ संचालकों को पकड़ा था। इसमें मृदुल शर्मा, रोहन, रितिक, सौरभ और अमन के साथ कुछ अन्य लोगों को केस दर्ज कर आरोपी बनाया था। आरोपियों को रिमांड पर लिया तो उन्होंने कबूला कि कुछ दिन पहले महाराष्ट्र पुलिस एक फरियादी को लेकर आई थी। उसने भंवरकुआं पुलिस की मदद से इसी कंपनी में दबिश दी थी।

महाराष्ट्र पुलिस के साथ आए फरियादी ने 3 लाख की धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। हमने वह राशि उस फरियादी को लौटा दी थी। इसके बाद भंवरकुआं थाने के ये दोनों कर्मचारी महाराष्ट्र पुलिस के जाने के बाद हमें धमकाने लगे फिर 12 लाख रुपए वसूले गए। वसूली कांड का खुलासा खुद आरोपियों ने क्राइम ब्रांच के अफसरों के सामने किया।

आरोपियों ने इसमें थाने के कुछ पुलिसकर्मियों के नाम भी जोड़े। इसके बाद क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल ने एसीपी ईओडब्लू सौम्या अग्रवाल से प्राथमिक जांच कराने के बाद डीसीपी-जोन 4 को पूरे मामले की रिपोर्ट दी। फिर वसूली में लिप्त पुलिस वालों पर कार्रवाई के लिए प्रकरण भेजा था।

थाना तेजाजी नगर टीआई लाइन अटैच
6 दिन पूर्व तेजाजी नगर थाने के टीआई रवींद्र पाराशर को भी अधिकारियों ने कार्य में लापरवाही पर लाइन अटैच किया है। बताते हैं 2 दिसंबर को टीआई को लेकर संपति से जुड़े एक प्रकरण में संतोषजनक कार्य न किए जाने पर एसीपी आजाद नगर ने जांच की थी। इसके बाद रिपोर्ट डीसीपी व एडिशनल डीसीपी को सौंपी थी। उसके बाद उन्हें लाइन अटैच किया है।

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