इंदौर | प्रदेश में सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले इंदौर में सामने आते हैं, लेकिन शहर के सात थाने ऐसे हैं जहां दुष्कर्म पीड़िताओं को रिपोर्ट के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। पहले ही दुष्कर्म के शिकार से तनावग्रस्त पीड़िताओं को इन थानों में भी मानसिक प्रताड़ना झेलना पड़ती है, क्योंकि थानों में महिला पुलिस अधिकारी ही नहीं हैं। दुष्कर्म व छेड़छाड़ का केस आने पर टीआइ पड़ोसी थाने से महिला एसआइ उधार मांगते हैं। जबकि ये थाने महिला अपराधों के मामले में भी टॉप-10 सूची में शामिल हैं।
इन थानों में 10 माह में दर्ज केस
लसूड़िया थाना : दुष्कर्म-19 और छेड़छाड़-17
रिपोर्ट लिखने व बयान दर्ज करने के लिए विजय नगर थाने से एसआइ प्रियंका शर्मा या एमआइजी थाने से सीमा शर्मा को बुलाया जाता है।
खजराना थाना : दुष्कर्म -9 और छेड़छाड़-11
इस थाने में कनाड़िया थाने से एसआइ आरबी भट्टी को बुलाया जाता है।
आजाद नगर थाना : दुष्कर्म-12 और छेड़छाड़-18
यहां राऊ या तेजाजी नगर थाने की एसआइ का इंतजार होता है।
तिलक नगर थाना : दुष्कर्म-5 और छेड़छाड़-5
इस थाने में भी कनाड़िया थाने की एसआइ आरबी भट्टी ही रिपोर्ट लिखने आती हैं।
गांधीनगर थाना : दुष्कर्म-1 और छेड़छाड़-8
यहां पर भी मल्हारगंज व एरोड्रम थाने से महिला एसआइ बुलवाते हैं।
छोटी ग्वालटोली थाना : दुष्कर्म-1 और छेड़छाड़-2
इस थाने में भी एसआइ के लिए संयोगितागंज थाने को फोन लगाना पड़ता है।
सराफा : दुष्कर्म-1 और छेड़छाड़-2
रिपोर्ट के लिए पंढरीनाथ या छत्रीपुरा थाने से महिला एसआइ आती हैं।
पीड़िताओं को पुरुष पुलिसवालों के सवाल करते हैं परेशान
दुष्कर्म व छेड़छाड़ की रिपोर्ट लिखवाने थाने आने वाली पीड़िताओं को पहले ड्यूटी पर मौजूद पुरुष पुलिसकर्मियों को घटना बतानी पड़ती है। पुलिसकर्मी इसके बाद टीआइ को घटना बताता है। इसके बाद पड़ोसी थाने पर कॉल कर बताते हैं कि आपके थाने में पदस्थ महिला एसआइ की आवश्यकता है। एसआइ स्वयं की विवेचना और बयानों में व्यस्त होने के कारण दूसरे थाने जाने में घंटों लगा देती है। सुबह से शाम तक इंतजार करने के बाद महिला थाने से एसआइ को बुलाना पड़ता है।
मुझे सात घंटे में रिपोर्ट मिली
दुष्कर्म की रिपोर्ट लिखवाने मैं मां व भाई के साथ सुबह 11 बजे लसूड़िया थाना गई थी। थानेदार ने बताया कि अभी महिला अफसर नहीं हैं। उन्होंने विजय नगर थाना की एसआइ प्रियंका शर्मा को बुलाया। बार-बार फोन लगाने पर एसआइ ने बयान लिए। शाम छह बजे मुझे एफआइआर की कॉपी मिली।
( नोट: 15 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता के मुताबिक)
छेड़छाड़ की एफआइआर में घंटों लगे
मैं आरोपित आदित्य कोठारी के विरुद्ध छेड़छाड़ की एफआइआर दर्ज करवाने छोटी ग्वालटोली थाना गई थी। ड्यूटी अफसर ने संयोगितागंज थाना से महिला अफसर को बुला कर रिपोर्ट लिखी। इस कारण मुझे घंटों इंतजार करना पड़ा।
(एक कंपनी की एग्जीक्यूटिव के मुताबिक)
इंदौर में महिला अपराधों पर एक नजर
अपराध 2018 2019 2020
हत्या 19 19 18
हत्या की कोशिश 9 10 07
अपहरण 338 428 359
दुष्कर्म 358 331 244
दहेज हत्या 17 14 22
दहेज प्रताड़ना 339 496 349
छेड़छाड़ (शीलभंग) 560 511 359
(नोट- आंकड़े 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक के हैं)
डीआइजी और एसपी से बात करूंगा
पुलिस मुख्यालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि थानों में महिला अधिकारी होना चाहिए। कुछ कमी है तो उस बारे में डीआइजी व एसपी से बात कर कमियों को दूर किया जाएगा।
– योगेश देशमुख, आइजी इंदौर
एक्सपर्ट कमेंट
एफआरआर ऑनलाइन भी हो सकती है, लेकिन अभी इसका ज्यादा चलन नहीं हुआ है। यदि दुष्कर्म के केस में पीड़िता थाने में आती है तो मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रख पुलिस को ही एफआइआर जल्दी करवाने में तत्परता दिखानी चाहिए।
अविनाश सिरपुरकर