इंदौर | जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 434 तक पहुंची। 15 दिनों से किया जा रहा है लार्वा को नष्ट करने का कार्य। डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है।
इंदौर के शहरी क्षेत्र के साथ ही आसपास की तहसीलों में भी इसके मरीज सामने आ रहे हैं। जिले में अब तक डेंगू के 434 मरीज मिल चुके हैं।
इंदौर। डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। इंदौर के शहरी क्षेत्र के साथ ही आसपास की तहसीलों में भी इसके मरीज सामने आ रहे हैं। जिले में अब तक डेंगू के 434 मरीज मिल चुके हैं। देपालपुर के ग्राम चांदेर और आसपास के गांवों में बुखार की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है।
टीम पिछले 15 दिनों से लार्वा को नष्ट करने का कार्य कर रही है, आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर सर्वे किया जा रहा है और बुखार आने पर स्वास्थ्य केन्द्र से उपचार की प्रक्रिया भी निरंतर जारी है। ग्राम पंचायत के सदस्यों, वरिष्ठजनों और सहयोगियों के साथ चर्चा की गई।
इसी क्रम में चांदेर में 498 घरों का सर्वे किया गया। इसमें से 12 घरों में लार्वा पाया गया। आरोदाकोट में 118 घरों का सर्वे किया गया। इसमें से तीन घरों में लार्वा पाया गया। सगड़ोद में 118 घरों का सर्वे कर आठ घरों में लार्वा पाया गया तथा कलमेर में 198 घरों का सर्वे कर छह घरों में लार्वा पाया गया। इसे समाप्त किया गया। निरीक्षण के दौरान सीएमएओ डा. बीएस सैत्या, डा. अमित मालाकार, डा. संजय सिमलोट और जिला मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल मौजूद रहे।
भारी वर्षा के बाद जलजमाव बढ़ जाता है
अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान भारी वर्षा के बाद जलजमाव की स्थितियां होती हैं। ऐसी स्थिति में मलेरिया, डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है। डेंगू बीमारी एडीज नामक मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर साफ पानी से भरे टैंक, टायर, सीमेंट की टंकियों, मटके, बाल्टियों, कूलर, छत पर रखे अनुपयोगी सामान, टूटे-फूटे बर्तन, पानी से भरे पालीथिन में अपने अंडे देता है।
लोगों से कहा गया है कि उपयोग करने के पानी को अच्छी तरह से ढंक कर रखें। इनमें एक छोटी चम्मच मीठा तेल डालें। बाहर गड्ढों तथा नालियों में जला हुआ तेल डालें। यह मच्छर दिन के समय काटता है, इसलिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। रात के समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में नीम की पत्तियों का धुआं करें और मच्छर रोधी क्रीम व अगरबत्ती का उपयोग करें।