नई दिल्ली : मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी समेत कुछ लोगों पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. ये जुर्माना साल 2000 में रिलायंस इंडस्ट्रीज मामले में टेकओवर नियमों को पूरा नहीं करने के लिए लगाया गया है.
अंबानी परिवार के जिन बाकी सदस्यों पर सेबी ने जुर्माना लगाया है उनमें नीता अंबानी, टीना अंबानी, के डी अंबानी शामिल हैं. नीता अंबानी मुकेश अंबानी की पत्नी हैं और टीना अंबानी अनिल अंबानी की पत्नी हैं. सेबी ने अपने 85 पेज के आदेश में लिखा है कि RIL के प्रमोटर और पर्संस एक्टिंग इन कॉन्सर्ट (PAC) ने कंपनी में साल 2000 में 5 परसेंट से ज्यादा हिस्सेदारी का खुलासा नहीं किया था. 2005 में मुकेश और अनिल अंबानी के बीच कारोबार का बंटवारा हुआ था.
सेबी के आदेश के मुताबिक RIL के प्रमोटरों ने 1994 में उनको जारी 3 करोड़ वारंट के कनवर्जन के दौरान उन्होंने साल 2000 के दौरान कंपनी में 6.83 परसेंट हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था. सेबी का कहना है कि RIL के प्रमोटरों द्वारा PACs के साथ मिलकर 6.83 परसेंट हिस्सेदारी ली गई, वो टेकओवर नियमों के मुताबिक 5 परसेंट होनी चाहिए थी, जबकि ये उससे ज्यादा थी.
इसलिए 7 जनवरी 2000 को जिन शेयरों का अधिग्रहण किया गया था उसका ऐलान करने की प्रतिबद्धता थी. ये वही तारीख थी जब PACs को RIL के इक्विटी शेयर अलॉट किए गए थे. हालांकि सेबी ने पाया कि प्रमोटर और PAC ने शेयरों के अधिग्रहण को लेकर कोई पब्लिक अनाउंसमेंट नहीं किया. इसलिए इन लोगों ने टेकओवर नियमों को उल्लंघन किया है.
सेबी के नियमों के मुताबिक 31 मार्च को खत्म हुए किसी भी वित्त वर्ष में अगर कोई भी प्रमोटर ग्रुप 5 परसेंट से ज्यादा वोटिंग राइट्स का अधिग्रहण करता है तो उसे माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के लिए एक ओपन ऑफर लेकर आना होता है. इन लोगों ने शेयर अधिग्रहण को लेकर कोई ऐलान नहीं किया इससे शेयरहोल्डर्स कंपनी से निकलने के अपने अधिकार से वंचित रह गए.
सेबी के आदेश के मुताबिक 25 करोड़ रुपये की पेनल्टी संयुक्त रूप से और अलग अलग चुकानी होगी. मामले में कुल 34 लोग और कंपनियां शामिल हैं, जिसमें कई तो Reliance Industries Holding Pvt Ltd के साथ विलय भी हो चुका है.