बीजिंग : चीन और रूस (China and Russia) अमेरिका के खिलाफ एक नया गठजोड़ बना रहे हैं. इसी उद्देश्य से रूस के विदेश मंत्री सर्गेर्ई लावरोव (Sergey Lavrov) बीजिंग पहुंच गए हैं. सोमवार को लावरोव ने अपने समकक्ष वांग यी (Wang Yi) से मुलाकात की. इस दौरान, मानवाधिकारों सहित विभिन्न के मुद्दे पर अमेरिका की सख्त नीतियों पर बातचीत हुई. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) चीन और रूस की टेंशन बढ़ाए हुए हैं. खासकर मानवाधिकारों के मुद्दे पर उन्होंने दोनों देशों के खिलाफ कई कदम उठाए हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए चीन और रूस अमेरिका के खिलाफ रणनीति बनाने में जुट गए हैं और इसी उद्देश्य से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का खास संदेश लेकर सर्गेर्ई लावरोव चीन आए हैं.
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, बैठक के दौरान, चीन और रूस दोनों इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका को विश्व शांति और विकास में अपनी नीतियों के चलते हुए नुकसान पर ध्यान देना चाहिए, दूसरे देशों के खिलाफ माहौल तैयार करने से बचना चाहिए और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप से बचना चाहिए. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग (Hua Chunying) ने बताया कि मंगलवार को भी दोनों नेताओं के बीच वार्ता होगी. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि चीन, रूस अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं.
State Councilor and FM Wang Yi met with FM #Lavrov in #Guilin, Guangxi today. Broad consensus was reached based on strategic communication. pic.twitter.com/CiwuIS7Ik3
— CHINA MFA Spokesperson 中国外交部发言人 (@MFA_China) March 22, 2021
हुआ चुनयिंग ने कहा कि हम किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने का इरादा नहीं रखते हैं. हम दूसरों के खिलाफ गुट बनाने, साजिश रचने या दुर्भावनापूर्ण विचार रखने वाले अन्य देशों की तरह नहीं हैं. चुनयिंग ने कहा कि चीन और रूस हमेशा से विश्व शांति एवं स्थिरता में सहयोग के लिए एक साथ खड़े हैं. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने भले ही इससे इनकार किया हो कि दोनों देशों का इरादा अमेरिका के खिलाफ रणनीति बनाने का नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि ये मुलाकात खास इसी उद्देश्य के लिए हो रही है.
चीन ने हाल ही में हुए चार देशों के समूह क्वाड की बैठक की आलोचना की थी. अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रमुखों ने बैठक में चीन को स्पष्ट संदेश दिया था कि उसकी दादागिरी अब नहीं चलेगी. क्वाड देशों से चीन का विवाद चल रहा है, इसलिए इस बैठक ने चीन की चिंता बढ़ा दी थी. वहीं, चीन की यात्रा पर आने से पहले मीडिया को दिए विभिन्न साक्षात्कार में रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा था कि अमेरिका और उसके साझेदार अन्य देशों पर अपनी इच्छा थोपने की कोशिश कर रहे हैं और बहुध्रवीय विश्व की स्थापना में बाधा डाल रहे हैं.