भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की स्वरोजगार समेत तीन योजनाएं अचानक बंद कर देने से सियासत गरमा गई है। सोमवार को दोपहर में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा सरकार को युवाओं और रोजगार विरोधी होना बताया। शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बचाव में उतरे। उन्होंने कहा कि कमलनाथजी तो रोजगार के नाम पर हमारे बच्चों से बैंड बजवा रहे थे और ढोर चरवा रहे थे। मध्यप्रदेश में रोजगार की कोई योजना बंद नहीं की गई है। उनके स्वरूप को बदलने पर विचार चल रहा है। क्षमतावान और प्रतिभावान युवाओं को इन योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
शिवराज ने कहा कि रोजगार देने के उपायों पर काम चल रहा है। पिछले 10 दिनों में मैंने 2 फैक्ट्रियों का उद्घाटन किया है। आज ही त्रिचुर की एक रेडीमेड गारमेंट की यूनिट को लगाने के लिए समाधान निकाला गया। इसमें 4 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
शिवराज ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश में लघु और कुटीर उद्योगों का जाल बिछाने के लिए प्रयासरत हूं, ताकि मेरे अधिक से अधिक भाई-बहन, बेटे-बेटी आत्मनिर्भर बन सकें। कहा- हम और आप मिलकर, एक नया मध्यप्रदेश गढ़ देंगे।
इससे पहले चौहान ने पथ विक्रेताओं को मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना के अंतर्गत प्रतीकात्मक रूप से ऋण वितरित किया। शिवराज ने कहा कि मेरा फोकस रोजगार पर है। रोजगार केवल नौकरी नहीं है, बल्कि अपना काम धंधा भी है। सभी की भी आमदनी बढ़े, इसके लिए भी मैं निरंतर प्रयास कर रहा हूं। कहा- हम गरीब का हित सुरक्षित करेंगे, लेकिन बदमाशों को नहीं छोड़ेंगे। गरीब अपना ढंग से शहर में काम कर सके, इसके लिए हॉकर कॉर्नर बनाए जा रहे हैं।
कमलनाथ ने कहा- शिवराज सरकार युवा विरोधी, यहां सबसे ज्यादा युवा सुसाइड कर रहे
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर शिवराज सरकार को घेरा। नाथ ने कहा- मुख्यमंत्री कृषि उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत बड़ी संख्या में युवाओं को ऋण मिलने के साथ- साथ अनुदान व सब्सिडी भी मिलती थी। बड़ी शर्मनाक बात है कि जो मामले स्वीकृत हो चुके हैं, उनके भी आवेदन रोकने का निर्णय लिया गया है? देश में सबसे ज्यादा युवा मप्र में रोजगार के अभाव में आत्महत्या करते हैं और अब तीन स्वरोजगार योजनाएं बंद करने का निर्णय का लिया है?
कोरोना महामारी में पहले ही कई लोगों का रोजगार छिन चुका है, आर्थिक स्थिति भयावह हो चुकी है, ऐसे में इन योजनाओं के बंद होने से बेरोजगारी और बढ़ेगी, युवा हताश होगा। शिवराज सरकार किसान विरोधी होने के साथ-साथ युवा और रोजगार विरोधी भी है। अपने 15 वर्ष के शासनकाल में भी युवाओं को रोजगार देने को लेकर कुछ नहीं किया और वर्तमान सरकार में भी रोजगार वाली योजनाओं को बंद कर रही है? सरकार ऐसे जनविरोधी फैसले पर पुनर्विचार करें और इन योजनाओं को तत्काल वापस चालू करें।
दरअसल, एक दिन पहले सरकार ने कृषकों के बच्चों के लिए शुरू की गई 30% तक के अनुदान वाली स्वरोजगार योजना समेत तीन योजनाओं को अचानक बंद कर दिया था। इन योजनाओं में स्वरोजगार और उद्यम लगाने के लिए बैंकों से कर्ज लेने पर मप्र सरकार अनुदान के साथ बैंक की प्रचलित ब्याज दरों में 6% तक की सब्सिडी देती है। सरकार के लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम विभाग के सचिव ने प्रदेश की सभी बैंकों को पत्र लिखकर दो टूक लहजे में कहा है कि वे इन तीन योजनाओं मे एक भी आवेदन अनुदान या फिर सब्सिडी के लिए न भेजें।