भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में चीन से संबंधित सीमा विवाद और दोनों देशों के बीच के हालिया संबंधों पर विस्तार से चर्चा की। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने 2020 में लद्दाख सीमा पर हुई घटना का जिक्र करते हुए, चीन को एक स्पष्ट संदेश भी दिया। इस इंटरव्यू को लेकर कई अहम बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो भारत-चीन के रिश्तों के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।
2020 लद्दाख सीमा पर हुई घटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में लद्दाख सीमा पर हुई सैन्य झड़प का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना ने भारतीय सेना की वीरता और समर्पण को दुनिया के सामने उजागर किया। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने जिस साहस और धैर्य के साथ उस संघर्ष का सामना किया, वह हमारे राष्ट्र की ताकत और संकल्प को दर्शाता है।” मोदी ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा शांति की ओर कदम बढ़ाया है, लेकिन हमारी सुरक्षा और संप्रभुता पर आंच नहीं आने दी जाएगी।
इस समय सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद, भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई थी, जिसमें चीन को अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिलाया गया था। पीएम मोदी ने इस बातचीत को सकारात्मक कदम बताया और कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद महत्वपूर्ण है।
चीन को स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को एक मजबूत और स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “भारत की भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण स्वीकार नहीं किया जाएगा।” उनका यह बयान चीन के आक्रामक रुख और सीमा पर बुनियादी ढांचे के निर्माण के संदर्भ में दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का प्रयास हमेशा शांति, विकास और सहयोग पर आधारित रहा है, लेकिन हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने चीन को यह भी याद दिलाया कि दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार और संतुलन तब ही संभव है जब दोनों पक्ष एक-दूसरे का सम्मान करें और अपने कर्तव्यों का पालन करें।
भारत का रणनीतिक दृष्टिकोण
पॉडकास्ट इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने भारत की विदेश नीति और उसके रणनीतिक दृष्टिकोण को भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “भारत का उद्देश्य हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे और शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखना है।” मोदी ने आगे कहा कि भारत अब एक नया दृष्टिकोण अपनाए हुए है, जो वैश्विक मंच पर हमारी ताकत और महत्व को बढ़ाता है।
भारत और चीन के रिश्तों के बारे में बात करते हुए, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और अन्य सहयोग के क्षेत्र में संभावनाएं हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि दोनों पक्ष पारदर्शिता, सम्मान और आपसी विश्वास के साथ कदम बढ़ाएं।