PM Modi to lay the foundation stone of new Parliament House on 10: Earthquake building, paperless office, cultural diversity will be displayed

पीएम मोदी 10 को करेंगे नए संसद भवन का शिलान्यास: भूकंपरोधी बिल्डिंग, पेपरलेस ऑफिस, सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन का शिलान्यास करेंगे। यह भवन 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि 2022 में संसद सत्र नए संसद भवन आयोजित किया जाएगा।  इमारत के निर्माण में प्रत्यक्ष रूप से 2,000 लोग शामिल होंगे और अप्रत्यक्ष रूप से 9,000 लोग काम करेंगे। नई इमारत देश की सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन करेगी। उम्मीद है, आजादी के 75 वें वर्ष (2022) में, संसद सत्र नए भवन में आयोजित किया जाएगा। टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड इस साल सितंबर में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत 861.90 करोड़ रुपये की लागत से नए संसद भवन के निर्माण के लिए टेंडर जीती थी।

नए संसद भवन की विशेषताएं

नई इमारत 64,500 वर्ग मीटर में फैला होगा। निर्माण पर करीब 971 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नई इमारत भूकंप प्रतिरोधी होगी।

लोकतंत्र के मौजूदा मंदिर को 100 साल पूरे हो रहे हैं। हमारे देशवासियों के लिये गर्व का विषय होगा कि नए भवन का निर्माण हमारे अपने लोगों द्वारा किया जाएगा, जो आत्मनिर्भर भारत का एक प्रमुख उदाहरण होगा।

नए भवन के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता प्रदर्शित होगी। आशा है कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर (2022) संसद का सत्र नए भवन में आयोजित होगा।

नए संसद भवन में 1224 सांसद एकसाथ बैठ सकेंगे और मौजूदा श्रम शक्ति भवन (संसद भवन के निकट) के स्थान पर दोनों सदनों के सदस्यों के लिए कार्यालय परिसर का निर्माण कराया जाएगा। संसद के वर्तमान भवन को देश की पुरातात्त्विक संपत्ति के तौर पर संरक्षित रखा जाएगा। संसद का मौजूदा भवन ब्रिटिशकालीन है जो एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किया गया था। दोनों ने ही नई दिल्ली क्षेत्र की योजना और निर्माण की जिम्मेदारी निभाई थी।

इस भवन में बेसमेंट, भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल होंगे। इसकी ऊंचाई भी वर्तमान संसद भवन के बराबर होगी ताकि दोनों भवनों में समरूपता दिखे। नए भवन के निर्माण की आधारशिला संबंधी कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ लोग मौके पर मौजूद होंगे तथा अन्य लोग डिजिटल माध्यम से शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में कोरोना वायरस से संबंधित सभी दिशा-निदेर्शों का पालन होगा।

नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं। भवन में सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होंगे जो आधुनिक डिजिटल सुविधाओं से युक्त होंगे तथा यह कागज रहित कार्यालय बनाने की दिशा में कदम होगा।

नए संसद भवन में एक विशाल संविधान कक्ष होगा, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही सांसदों के लिए एक लॉन्ज होगा। उनके लिए पुस्तकालय, विभिन्न समितियों के कक्ष, भोजन कक्ष और पार्किंग क्षेत्र भी होगा। नए भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। यह भविष्य में दोनों सदनों के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी किए जाने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। मौजूदा समय में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 245 सदस्य हैं।

मौजूदा संसद भवन की आधारशिला 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी और निर्माण में छह साल लगे थे और उस समय 83 लाख रुपये की लागत आई थी। उद्घाटन समारोह 18 जनवरी, 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था।

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