Petrol became costlier by 9.30 per cent in two months

पेट्रोल दो महीने में 9.30 फीसदी महंगा हो गया

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण पिछले दो महीने में देश में पेट्रोल नौ प्रतिशत और डीजल 10 प्रतिशत से अधिक महंगा हुआ है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन आॅयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, राष्टÑीय राजधानी दिल्ली में जून में पेट्रोल का मूल्य 4.58 रुपए और डीजल की कीमत 4.03 रुपए बढ़ चुकी है। इससे पहले मई में भी पेट्रोल 3.83 रुपए और डीजल 4.42 रुपए महंगा हुआ था। इस प्रकार दो महीने में पेट्रोल 8.41 रुपए (9.30 प्रतिशत) और डीजल 8.45 रुपए (10.47 प्रतिशत) महंगा हो चुका है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने का मौजूदा क्रम 04 मई से शुरू हुआ था। इससे पहले मार्च और अप्रैल में दोनों ईंधनों के मूल्यों में मामूली कटौती की गई थी। मई में 16 दिन कीमतें बढ़ाई गई थीं जबकि शेष 15 दिन कोई बदलाव नहीं हुआ था। जून में भी 16 दिन दाम बढ़े हैं जबकि शेष 14 दिन स्थिर रहे हैं। कीमतों में वृद्धि की मुख्य वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी है। कच्चे तेल का मानक माने जाने वाले लंदन के ब्रेंट क्रूड वायदा की कीमत 30 अप्रैल को 67.66 डॉलर प्रति बैरल थी जो इस समय बढ़कर 75 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुँच चुकी है। देश में पेट्रोल-डीजल की ऊँची कीमत में आधे से भी अधिक हिस्सा इन पर लगने वाले भारी-भरकम कर से बनता है। केंद्र तथा राज्य सरकारों की कमाई का बहुत बड़ा जरिया पेट्रोलियम उत्पादों पर करों और शुल्क हैं। इसी कारण पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है। राष्टÑीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो 16 जून के उपलब्ध अंतिम आंकड़ों के अनुसार, पेट्रोल का मूल्य 96.66 रुपए प्रति लीटर था। इसमें इंडियन आॅयल की रिफाइनरी से निकलने वाले पेट्रोल की कीमत 37.29 रुपए थी। औसतन 36 पैसे की परिवहन लागत के साथ पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल 37.65 रुपए प्रति लीटर मिला। डीलर को प्रति लीटर 3.80 रुपए का कमीशन मिला। इस पर केंद्र सरकार का 37.65 रुपए का उत्पाद शुल्क और राज्य सरकार का 22.31 रुपए का वैट जुड़ने के बाद कीमत 96.66 रुपए प्रति लीटर हो गई।

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