Pak's blow on terrorism will remain in FATF's 'Grey List'

आतंकवाद पर पाक को करारा झटका एफएटीएफ की ‘ग्रे लिस्ट’ में ही रहेगा

इस्लामाबाद। अपनी जमीन पर आतंकी संगठनों को पनाह दे रहे पाकिस्तान को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक में फैसला किया गया है कि पाक अभी ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। इसके साथ ही खस्ता आर्थिक हालात का सामना कर रहे पाक के लिए मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। एफएटीएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक ने 27 कार्य बिंदुओं में से अब तक सिर्फ 26 को ही पूरा किया है। पाक को एफएटीएफ के बाकी बचे एक बिंदु को लागू करने के लिए कम से कम 2-3 महीने और लगेंगे। वहीं, पाक में इस फैसले को पश्चिमी देशों का भेदभाव बताया जा रहा है और सवाल किया जा रहा है कि जब पाक ने जून 2018 के बाद से अब तक इतने बिंदुओं पर काम पूरा कर लिया है, तो अभी भी उसे ग्रे लिस्ट में क्यों रखा गया? इस्लामाबाद स्थित स्वतंत्र थिंक-टैंक तबादलाब ने अपनी रिपोर्ट में बताया, 2008 से 2019 तक पाक को ग्रे लिस्ट में रखने के कारण 38 अरब डॉलर के जीडीपी का नुकसान हुआ है। एफएटीएफ ग्लोबल मनी लॉन्डरिंग और आतंकी फंडिंग वॉचडॉग है। कई सरकारों के बीच काम करने वाले संगठन ने अंतरराष्ट्रीय मानक तय कर रखे हैं ताकि अवैध गतिविधियां रोकी जा सकें और समाज को जो नुकसान हो रहा है उससे बचा जा सके।

आखिर किस तरह काम करता है एफएटीएफ?

एफएटीएफ ने मानक बनाए हैं, जिनसे यह सुनिश्चित किया जाता है कि संगठित अपराध, भ्रष्टाचार व आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर सहयोग के साथ प्रतिक्रिया दी जाए। इसकी मदद से अथॉरिटीज अवैध नशीले पदार्थों, देह तस्करी जैसे कारोबार से जुड़े अपराधियों के पैसे को ट्रैक करती हैं। एफएटीएफ बड़े स्तर पर बर्बादी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों की फंडिंग रोकने के लिए भी काम करता है। एफएटीएफ मनी लॉन्डरिंग और आतंकी फाइनैंसिंग तकनीकों को रिव्यू करता है।

जम्मू-कश्मीर: पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक से पाक तिलमिलाया, विदेश मंत्री कुरैशी ने बताया ‘नाटक’

इधर, जम्मू-कश्मीर पर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक से पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बैठक को नाटक करार दिया है। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के 14 नेताओं के साथ अहम बैठक की थी, जिसपर पाक की निगाहें जमी थीं। कुरैशी ने कहा है, नई दिल्ली में कश्मीर पर हुई बैठक एक नाटक, पीआर एक्सरसाइज थी। यह भी माना गया कि कश्मीर दिलों से और दिल्ली से भी दूर है। कुरैशी का कहना है कि इस बैठक में कुछ हासिल नहीं हुआ। कुरैशी ने आरोप लगाया है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से भारत और निजी तौर पर पीएम मोदी की छवि को नुकसान पहुंचा है, जिसे सुधारने के लिए यह बैठक की गई।

Scroll to Top