Omicron variant 6 times more powerful than Delta, don't ignore these symptoms

डेल्टा से 6 गुना ताकतवर Omicron वैरिएंट, इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

नई दिल्ली : कोरोना वायरस का नया वैरिएंट B.1.1.529 (ओमिक्रॉन) दुनिया के सामने एक नई मुसीबत बनकर खड़ा हो गया है. WHO ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है और इसे ”वैरिएंट ऑफ कन्सर्न’ के रूप में सूचीबद्ध किया है. दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का दावा है कि ओमिक्रॉन जैसे खतरनाक वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज थैरेपी का कोई असर नहीं होता है. इस वैरिएंट की ताकत और लक्षणों को लेकर भी बहुत सी नई बातें सामने आई हैं.

कितना खतरनाक ऑमिक्रॉन वेरिएंट?
दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों में ओमिक्रॉन इंफेक्शन के प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर इसे डेल्टा वैरिएंट से छह गुना ज्यादा ताकतवर यानी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. डेल्टा वही वैरिएंट है जिसने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाकर रख दी थी. यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक है और वैक्सीनेशन या नेचुरल इंफेक्शन से होने वाले इम्यून रिस्पॉन्स को भी बेअसर कर सकता है.

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन में वायरस का अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेट वर्जन देखा गया है. इतने सारे म्यूटेशन इससे पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए हैं. यही वजह है कि नए वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन पिछले बीटा और डेल्टा वेरिएंट से आनुवांशिक रूप से अलग है, लेकिन इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है कि ये जेनेटिक बदलाव इसे ज्यादा खतरनाक बनाते हैं या नहीं.

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी बेअसर – ज्यादा संक्रामक बताए गए डेल्टा वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थैरेपी का असर दिखाई देता है. जबकि डेल्टा प्लस वैरिएंट पर इस थैरेपी का कोई असर नहीं होता है, जो कि कोविड-19 इंफेक्शन के शुरुआती चरणों में एक चमत्कारी इलाज माना जाता है. डेल्टा प्लस वैरिएंट के बाद ओमिक्रॉन दूसरा ऐसा वैरिएंट है जिस पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है.

कैसे हैं ओमिक्रॉन इंफेक्शन के लक्षण?
दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान करने वाली डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने बीबीसी से कहा, ‘मैंने इसके लक्षण सबसे पहले कम उम्र के एक शख्स में देखे थे जो तकरीबन 30 साल का था.’ उन्होंने बताया कि मरीज को बहुत ज्यादा थकान रहती थी. उसे हल्के सिरदर्द के साथ पूरे शरीर में दर्द की शिकायत थी. उसे गला छिलने जैसी दिक्कत भी थी. हालांकि, उसे ना तो खांसी थी और ना ही लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल (स्वाद और गंध की क्षमता खत्म होना) जैसा कोई लक्षण दिख रहा था. डॉक्टर ने मरीजों के एक छोटे से समूह को देखकर ही ये प्रतिक्रिया दी थी. अधिकांश लोगों में इसके लक्षण कैसे होंगे, इसे लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट दावा नहीं किया है.

डॉ. कोएट्जे ने बताया कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में एक व्यक्ति को जब कोविड-19 के नए वैरिएंट से संक्रमित पाया तो उन्होंने उसके पूरे परिवार की जांच की. दुर्भाग्यवश परिवार के सभी सदस्य संक्रमण की चपेट में आ चुके थे. हालांकि, सभी संक्रमितों में इसके बहुत हल्के लक्षण नजर आ रहे थे. डॉक्टर कोएट्जे ने बताया कि हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं है. ऐसे मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा सकता है.

ओमिक्रॉन की चपेट में ये देश – दक्षिण अफ्रीका में पाया गया खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट अब तक कई देशों में फैल चुका है. शनिवार को जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल और हॉन्गकॉन्ग में इसके नए मामले दर्ज किए गए. ब्रिटेन में भी ओमिक्रॉन के दो मामले सामने आने के बाद मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और टेस्टिंग को लेकर सरकार हरकत में आ गई है. अमेरिका में सरकार के शीर्ष इंफेक्शियस डिसीज एक्सपर्ट डॉ. एंथोनी फाउची ने कहा कि इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं होगी अगर अमेरिका में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले देखने को मिल जाएं.

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