लंदन : ब्रिटेन में तेल संकट की स्थिति बनी हुई है. पिछले एक हफ्ते में देश के ज्यादातर गैस स्टेशनों पर तेल को लेकर लोगों में खासी घबराहट और बेचैनी है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि देशभर में अधिकांश पेट्रोल पंपों पर स्थिति अराजकपूर्ण बनी हुई है. सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में पेट्रोल पंपों के बाहर मीलों लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं, इसके अलावा घबराए नागरिक पानी की छोटी-छोटी बोतलों में भी जितना हो सके उतना पेट्रोल जमा कर रहे हैं.
आमतौर पर 20,000 से 30,000 लीटर तेल प्रतिदिन बेचने वाले गैस स्टेशनों पर अब 1,00,000 लीटर से अधिक की बिक्री हो रही है. ब्रिटेन के कई पेट्रोल पंपों पर तेल की खरीदारी को लेकर लोगों में दहशतह है और कई जगह इसके लिए लड़ाई भी हो रही है.
स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता देने का आह्नान
यहां पर स्थिति इतनी भयावह है कि ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) ने स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर तेल तक पहुंचने का आह्वान किया है क्योंकि उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि स्वास्थ्य प्रणाली ध्वस्त न हो.
यहां इस बात का डर है कि यह नियंत्रण से बाहर हो सकता है, ब्रिटिश सरकार ने संकट से निपटने के लिए सेना को तैयार रहने को कह दिया है. हालांकि, यह स्पष्ट भी किया गया है कि समस्या कमी से संबंधित नहीं है और देश में पर्याप्त तेल भंडार है. ब्रिटेन में तेल कंपनियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि तेल की कोई कमी नहीं है. फिर ब्रिटिश नागरिक तेल का स्टॉक क्यों कर रहे हैं जैसे कि कल नहीं होगा?
कंपनियों का दावा तेल की कमी नहीं
शेल (Shell), एक्सॉनमोबिल (ExxonMobil) और ग्रीन एनर्जी (Green energy) सहित संचालन करने वाली कई प्रमुख तेल कंपनियों ने स्पष्ट कर दिया है कि ब्रिटेन में तेल की कोई कमी नहीं है. पेट्रोल पंपों और सरकारी अधिकारियों के अनुसार, समस्या घबराहट में खरीदारी की वजह से है.
नतीजतन, ब्रिटेन में अधिकांश पेट्रोल पंप से तेल खत्म हो गए हैं, जबकि कई के पास स्टॉक खत्म हो रहा है. पेट्रोल रिटेलर्स एसोसिएशन (PRA) के तहत 5,500 स्वतंत्र आउटलेट्स में से दो-तिहाई पेट्रोल पंप पर सोमवार को ही तेल खत्म हो गया और बाकी जगहों पर जल्द ही खत्म हो सकते हैं.
इस फैसले से शुरू हुई दहशत
बीबीसी ने बताया कि तेल कंपनी बीपी के पिछले हफ्ते अपने कुछ पेट्रोल स्टेशनों को अस्थायी रूप से बंद करने के ऐलान के बाद लोगों में तेल को लेकर दहशत फैल गई थी.
ब्रिटेन के पेट्रोल पंप फ्यूल की कमी के कारण संकट का सामना नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसका आपूर्ति श्रृंखला से अधिक लेना-देना है. सीधे शब्दों में कहें तो ब्रिटेन भारी माल वाहन (एचजीवी) या लॉरी चलाने के लिए योग्य लोगों की कमी का सामना कर रहा है.
क्यों हो रहा संकट
देश में एक लाख से अधिक ट्रक ड्राइवरों की कमी है और यह एक गंभीर समस्या है जिसके कारण किराने के सामान और ईंधन से लेकर कई वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति बाधित कर दी है.
विशेषज्ञों का मानना है कि लॉरी ड्राइवरों की मौजूदा कमी में इंग्लैंड के यूरोपीय संघ (ईयू) से हटने की बड़ी भूमिका है. Brexit के बाद, कई यूरोपीय ड्राइवर कहीं और काम करने के लिए इंग्लैंड छोड़ गए. Brexit के बाद ब्रिटेन द्वारा पेश किए गए टैक्स में बदलाव और कड़े आव्रजन कानूनों ने ट्रक ड्राइवरों सहित ब्रिटेन में काम करने वाले कई यूरोपीय कर्मचारियों के लिए मुश्किल बना दिया. Brexit ने भी उनकी आय को काफी प्रभावित किया था.