नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता शुक्रवार की सुबह ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. विशेषज्ञों एवं सरकारी एजेंसियों का कहना है कि दिवाली की रात दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है. सरकारी एजेंसियों और मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि हवाओं की दिशा उत्तर पश्चिम से बदलकर उत्तर-उत्तर पूर्व होने से प्रदूषण स्तर में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि हवा की दिशा बदलने से दिल्ली में प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय कमी आई.
दिल्ली में शुक्रवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 344 पाया गया, यानी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पाया गया. इससे पहले गुरुवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 314 रहा. बुधवार और मंगलवार को यह क्रमश: 344 और 476 दर्ज रहा था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 4 नवंबर से 9 नवंबर तक दिल्ली में लगातार 6 दिनों तक प्रदूषण स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में बना रहा था.
Delhi: Air quality in 'very poor' category at Okhla Phase-2, as per Central Pollution Control Board; Visuals from the nearby area of Nehru Place pic.twitter.com/wjdVBLgDTi
— ANI (@ANI) November 13, 2020
गौरतलब है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ (आपात) श्रेणी में माना जाता है.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले दिल्ली के पड़ोसी शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक फरीदाबाद में 304, गाजियाबाद में 328, नोएडा में 305, ग्रेटर नोएडा में 327, गुड़गांव में 293 दर्ज किया गया. ये सूचकांक ‘खराब’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आते हैं. शांत हवा और निम्न न्यूनतम तापमान से प्रदूषक सतह के करीब रहते हैं जबकि हवा चलने से इन कणों का तेजी से बिखराव होता है.
Delhi's air quality still in 'very poor' category after a slight decrease in pollution levels; visuals from the Welcome Metro Station area in Shahdara pic.twitter.com/aH6XrCmvD2
— ANI (@ANI) November 13, 2020
उन्होंने कहा हवा की रफ्तार उसके बाद बढ़ सकती है और हवा की दिशा पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर होगी. सोनी ने कहा कि 16 नवंबर को वायु की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हेागा. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानीकर्ता संस्था ‘सफर’ ने कहा कि दिवाली पर यदि पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं तो दिल्ली में पीएम 2.5 का स्तर पिछले चार सालों में सबसे कम रहने की संभावना है.
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से दृश्यता (विज़िबिलिटी) बहुत कम हो गई है। (तस्वीरें नेहरू प्लेस इलाके के पास से)
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार ओखला फेस-2 में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 344 ('बहुत खराब' श्रेणी) पर है। pic.twitter.com/mdailw76wt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 13, 2020
सफर ने कहा कि दिवाली के दौरान पटाखों से उत्सर्जन नहीं होने के कारण प्रदूषण स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी की ऊपरी सीमा पर रहने की संभावना है. सफर का कहना है कि पराली जलाने की वजह से एक्यूआई पर असर के तौर पर उसमें अगले दो दिनों में ‘मामूली से मध्यम’ वृद्धि हो सकती है. उसने कहा कि आग जलाने से संबंधित उत्सर्जन से 15 नवंबर को तड़के पीएम 2.5 में वृद्धि हो सकती है.