New ITR form released for financial year 2020-21, option to choose new tax system

वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए जारी हुआ नया ITR फॉर्म, मिलेगा नए टैक्स सिस्टम को चुनने का विकल्प

नई दिल्ली : Income Tax Department ने वित्त वर्ष 2020-21 के IT रिटर्न फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ टैक्स (CBDT) ने ये जानकारी दी है. CBDT ने कहा है कि कोरोना महामारी और टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुराने फॉर्म के मुकाबले नए ITR फॉर्म में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं. सिर्फ कुछ जरूरी बदलावों को इनकम टैक्स एक्ट 1961 में संशोधनों की वजह से रखा गया है.

Income Tax returns (ITR) फॉर्म्स में टैक्सपेयर्स से ये भी पूछा गया है कि क्या वो नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) को अपनाएंगे या पुराने के साथ ही जारी रखेंगे. CBDT ने बताया है कि पिछले साल के मुकाबले ITR फाइलिंग के तरीके में कोई बदलाव नहीं किया है. नोटिफाई किया गया आईटीआर फॉर्म  लिंक पर मिल जाएगा.

ITR-1, ITR-4 किसके लिए
ITR फॉर्म 1 (Sahaj) और ITR फॉर्म 4 (Sugam) सबसे आसान फॉर्म हैं, जिनका इस्तेमाल बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम टैक्सपेयर्स करते हैं. Sahaj फॉर्म वो टैक्सपेयर्स भरते हैं जिनकी सालाना कमाई 50 लाख रुपये तक होती है, जिनकी आमदनी सिर्फ सैलरी, एक घर से या ब्याज जैसे दूसरे स्रोतों से होती है. Sugam फॉर्म वह लोग, हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) और फर्म भरते हैं जिनकी आमदनी 50 लाख रुपये तक होती है और ये आय बिजनेस या किसी प्रोफेशन से होती है.

ऐसे करें ITR फॉर्म का चुनाव
1- जिन इंडिविजुअल्स की और हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली की आय बिजनस या प्रोफेशन से नहीं होती है (Sahaj भरने योग्य नहीं हैं) वो ITR -2 भर सकते हैं
2- वो जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से होती है फॉर्म ITR-3 भर सकते हैं
3- इंडिविजुअल, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली और कंपनियों के अलावा जैसे पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी IYTR-5 फॉर्म भर सकते हैं.
4- कंपनियां ITR फॉर्म-6 भर सकती हैं.
5- ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां और चैरिटेबल इंस्टिट्यूशन, जो आयकर अधिनियम के तहत छूट क्लेम करते हैं, वह आईटीआर फॉर्म-7 भर सकते हैं.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने वित्त वर्ष 2020-21 में 2.38 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स को 2.62 लाख करोड़ रुपये रिफंड के रूप में जारी किया है. यह 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच का रिफंड है. इसमें पर्सनल इनकम टैक्स मामले में 2.34 करोड़ टैक्सपेयर्स को 87,749 करोड़ रुपये जबकि कंपनी टैक्स मामले में 3.46 लाख मामलों में 1.74 लाख करोड़ रुपये वापस किए गए. इससे पहले 2019-20 में कुल 1.83 लाख करोड़ रुपये का कर रिफंड किया गया था.

 

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