Modi said - there was an attempt to defile the farmer movement how far is it right to demand the release of a jailed Naxalite terrorist

मोदी बोले- किसान आंदोलन को अपवित्र करने की कोशिश हुई, जेल में बंद नक्सली-आतंकी की रिहाई मांगना कहां तक सही?

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। इससे पहले उन्होंने राज्यसभा में जवाब दिया था। पीएम मोदी ने आज कृषि कानून, किसान आंदोलन और बजट समेत अन्य मामलों पर सरकार का पक्ष सदन के पटल पर रखा। और कांग्रेस समेत विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। मोदी ने कांग्रेस के हंगामा और वॉकआउट करने पर तीखे तेवर दिखाए। और कन्फ्यूज्ड पार्टी बताया। मोदी ने एक बार फिर से किसानों से अपील की है कि टेबल पर बैठकर और मिलकर समस्या का समाधान करें।

और क्या-क्या कहा मोदी ने…

  • किसान आंदोलन की पवित्रता है। भारत में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने निकलते हैं तो क्या होता है? दंगाबाज, संप्रदायवादी, नक्सलवादी जो जेल में बंद हैं, किसान आंदोलन में उनकी मुक्ति की मांग करना कहां तक सही है। इस देश में टोल प्लाजा को सभी सरकारों ने स्वीकार किया है। उस टोल प्लाजा पर कब्जा करना, उसे न चलने देना, ऐसे तरीके पवित्र आंदोलन को अपवित्र करने का प्रयास नहीं है? जब पंजाब में टेलीकॉम टावर तोड़ दिए जाएं तो वे किसानों की मांग से जुड़े हैं? किसानों के आंदोलन को अपवित्र करने का काम आंदोलनजीवियों ने किया है। देश को आंदोलनजीवियों से बचाना जरूरी है।
  • एक और महत्वपूर्ण काम जो हमने किया है वो यही 10,000  FPOs बनाने का। यह छोटे किसानों के लिए एक बहुत बड़ी ताकत के रूप में उभरने वाले हैं। महाराष्ट्र में  FPOs बनाने का विशेष प्रयोग हुआ है। केरल में भी कम्युनिस्ट पार्टी के लोग काफी मात्रा में  FPO बनाने के काम में लगे हुए हैं।
  • देश में पब्लिक सेक्टर जितना जरूरी है, उतना ही प्राइवेट सेक्टर भी जरूरी है। हमने किसानों के इंफ्रस्टक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की है।
  • हम धीरे-धीरे किसानों को फल, फूल और सब्जी उत्पादन की तरफ ले जा सकते हैं। बड़ा बदलाव करके हमारे किसानों को एक लंबी यात्रा के लिए तैयार करना होगा। हमारे किसान से छोटे किसानों को बीज से लेकेर बाजार तक मुहैया कराई है।
  • सत्ता में हो या विपक्ष में हर किसी को किसानों के लिए काम करने की आवश्यक्ता है। किसानों को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी हम सभी की है।
  • हमारे यहां एग्रीकल्चर समाज के कल्चर का हिस्सा रहा है। हमारे पर्व, त्योहार सब चीजें फसल बोने और काटने के साथ जुड़ी रही हैं। यहा राजा जनक और कृषि के भाई बलराम ने भी हल चलाई है।
  • कृषि के क्षेत्र में बदलाव की आवश्यकता है। हमारे यहां संभावना है। किसानों को सही तरीके से गाइड करना होगा। कृषि में निवेश की आवश्यक्ता है। केंद्र और राज्य सरकार उतना काम नहीं कर पा रही है। किसान के बस की भी बात नहीं है।
  • आजादी से पहले यहां से चर्चिल को सिगार भेजी जाती थी। इसको लेकर पद भी सृजित किए गए थे। सीसीए का पद आजादी के बाद भी जारी रहा। मैं जब गुजरात में मुख्यमंत्री बनना तो रिपोर्ट आती थी कि आज कोई बलून नहीं आया कोई पर्चा नहीं आया। उस समय भी यह व्यवस्था लागू थी।
  • आयुष्मान भारत, शौचालय निर्माण की मांग किसी ने नहीं की थी। हमारी सरकार को लगा कि लोक हित में यह जरूरी है। इसलिए हमने यह कदम उठाया। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी का यह हाल हो गया है कि राज्यसभा का तबका एक तरफ चलता है और लोकसभा का तबका दूसरी तरफ।
  • शादी की उम्र, शिक्षा के अधिकार की मांग किसी ने नहीं की थी, लेकिन कानून बने। क्योंकि समाज को इसकी जरूरत थी। मैं हैरान हूं पहली बार एक नया तर्क आया है कि हमने मांगा नहीं तो आपने दिया क्यों। दहेज हो या तीन तलाक, किसी ने इसके लिए कानून बनाने की मांग नहीं की थी, लेकिन प्रगतिशील समाज के लिए आवश्यक होने के कारण कानून बनाया गया।
  • प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान हंगामे पर विपक्ष पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन जी बहुत ज्यादा हो गया। आज क्या हो गया है आपको?
  • हम मानते हैं कि इसमें सही में कोई कमी हो, किसानों का कोई नुकसान हो, तो बदलाव करने में क्या जाता है। ये देश देशवासियों का है। हम किसानों के लिए निर्णय करते हैं, अगर कोई ऐसी बात बताते हैं जो उचित हो, तो हमें कोई संकोच नहीं है।
  • इन तीनों कृषि कानूनों ने किसानों का क्या उनका हक छीन लिया है क्या? किसानों को विकल्प दिए गए हैं कि जहां ज्यादा फायदा वहां अनाज बेचे। संसद में ये हो-हल्ला, ये आवाज, ये रुकावटें डालने का प्रयास, एक सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है। रणनीति ये है कि जो झूठ, अफवाहें फैलाई गई हैं, उसका पदार्फाश हो जाएगा। इसलिए हो-हल्ला मचाने का खेल चल रहा है।
  • तीनों कृषि कानून लागू होने के बाद न देश में कोई मंडी बंद हुई है और न ही एमएसपी। कानून बनने के बाद एमएसपी पर खरीदी भी बढ़ी है। कृषि कानूनों को लेकर कृषि मंत्री लगातार किसानों से चर्चा कर रहे हैं। अगर किसी बदलाव की आवश्यक्ता महसूस होती है तो उसे बदला जा सकता है।
  • कृषि कानून के रंग पर तो कांग्रेस के साथ बहुत बहस कर रहे थे, लेकिन अच्छा होता उसके कंटेंट और इंटेंट पर चर्चा करते। कोरोना कालखंड में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा। हमने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसका परिणाम है कि आज ट्रैक्टर हो, गाड़ियां हो, रिकॉर्ड सेल हो रहा है। जीएसटी का रिकॉर्ड कलेक्शन हुआ है। दुनिया के लोगों ने अनुमान लगाया है कि करीब-करीब डबल डिजिट ग्रोथ जरूर होगा।
  • दुनिया के बहुत सारे देश कोरोना, लॉकडाउन, कर्फ्यू के कारण चाहते हुए भी अपने खजाने में पाउंड और डॉलर होने के बाद भी अपने लोगों तक नहीं पहुंचा पाए। लेकिन ये हिंदुस्तान है जो इस कोरोना कालखंड में भी करीब 75 करोड़ से अधिक भारतीयों को 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है।
  • जो आधार, जो मोबाइल, जो जनधन कोरोना काल में लोगों की मदद करने में काम आया उसको रोकने के लिए कौन-कौन कोर्ट गए थे। ये हिन्दुस्तान है जो लगभग 75 करोड़ भारतीयों को कोरोना काल के दौरान 8 महीने तक राशन पहुंचा सकता है।
  • जिस मरीज के पास कोई नहीं जा सकता था, वहां हमारा सफाईकर्मी जाता था। वह भगवान के रूप में था। एम्बुलेंस का ड्राइवर भगवान के रूप में आया था। डॉक्टर और नर्स रूपी भगवान ने दुनिया को इस महामारी से बचाया। पीएम मोदी ने मनीष तिवारी के बयान पर पटलवार करते हुए यह बात की।
  • कोरोना काल में भारत में भय बनाने की कोशिश की गई। दुनिया के बड़े-बड़े देश इस महामारी के सामने घुटने टेक चुके थे। लेकिन 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों के आचरण ने इसे बचाया। हमारे लिए आवश्यक है कि हम आत्मनिर्भर भारत के विचार को बल दें। ये किसी शासन व्यवस्था या किसी राजनेता का विचार नहीं है। आज हिंदुस्तान के हर कोने में वोकल फॉर लोकल सुनाई दे रहा है। ये आत्मगौरव का भाव आत्मनिर्भर भारत के लिए बहुत काम आ रहा है।
  • भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर जरूरी नीतियां बननी चाहिए।  आज हम फॉमेर्सी में आत्मनिर्भर है। भारत जितना आत्मनिर्भर बनेगा, दुनिया के कल्याण में भूमिका अदा कर सकेगा।
  • हमारे लिए संतोष और गर्व का विषय है कि कोरोना के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे कि भारत कैसे इस स्थिति से निपटेगा। ऐसे मैं ये 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचा कर रखा है।
  • आजादी के 75वें वर्ष का पड़ाव हर हिन्दुस्तानी के लिए गर्व का पल है। इसलिए हम देश के किसी कोने में हों, हम सब मिलकर आजादी के इस पर्व से एक नई प्रेरणा प्राप्त कर और नए संकल्प के साथ अगले 25 वर्षों का वातावरण तैयार करें।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों का आभार प्रकट किया। उन्होंने खास रूप से महिला सांसदों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सभी ने धारदार तरीके से संसद में अपनी बातें रखीं। उनकी तैयारी, तर्क और सूझबूझ का अभिनंनद करता हूं

कपिल सिब्बल ने कहा- बजट में वोट बैंक की राजनीति
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सरकार पर बजट में वोट बैंक की राजनीति करने का बुधवार को आरोप लगाए। कहा- देश का पूरा कारोबार चार-पांच उद्योगपति परिवारों के बीच सिमट कर रह गया है। सिब्बल ने राज्यसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के बजट पर चचार् की शुरूआत करते हुए कहा कि असम , पश्चिम बंगाल और केरल में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर आवंटन किए गए हैं। इन राज्यों में बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय राजमार्गों के निमार्ण के लिए बजट का प्रस्ताव किया गया है। पश्चिम बंगाल में 675 किलोमीटर तथा केरल में 1100 किलोमीटर का निमार्ण किया जायेगा।

कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पहले राज्यसभा की कार्यवाही होती है, इसके बाद लोकसभा में कामकाज होता है। राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से शुरू होती है। इससे पहले आज पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्यसभा में कहा कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक अंतरराष्ट्रीय मूल्य प्रणाली के तहत नियंत्रित होती हैं और यह मिथ्या अभियान चलाने का प्रयास किया जा रहा है कि ईंधन की कीमतें अब तक के उच्च स्तर पर है। प्रधान ने कहा, पिछले 300 दिनों में करीब 60 दिन कीमतों में वृद्धि हुई और करीब 7 दिन पेट्रोल और 21 दिन डीजल की कीमतों में हमने कमी की है। करीब 250 दिनों तक हमने कीमतों में वृद्धि या कमी नहीं की है… इसलिए, यह मिथ्या प्रचार है कि यह अब तक के सबसे उच्च स्तर पर है।

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