Mastermind of fraud worth thousand crores arrested from Surat airport, police was searching for 10 months

हजार करोड़ की ठगी का मास्टर माइंड सूरत एयरपोर्ट से गिरफ्तार, 10 महीने से तलाश में जुटी थी पुलिस

इंदौर। क्राइम ब्रांच ने ग्रीन एनर्जी घोटाले के मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित एक हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर इंडोनेशिया भाग गया था। क्राइम ब्रांच उसके विरुद्ध लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी कर चुकी थी। जैसे ही आरोपित सूरज एयरपोर्ट पहुंचा सीआइएसएफ अफसरों ने पकड़ लिया। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक आरोपित हर्षित अरविंद है। पुलिस दस महीने से उसकी तलाश में जुटी थी।
क्राइम ब्रांच ने सूरत पुलिस की मदद से पूणागांव में दबिश दी, लेकिन वह फरार हो गया। तीन महीने पूर्व पता चला हर्षित विदेश भाग गया है। उसकी लोकेशन इंडोनेशिया की मिल रही थी। अपराध शाखा के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने एलओसी जारी करवाकर इंटरपोल और सीबीआई को भी रिपोर्ट भेज दी। सोमवार को सूरत पुलिस ने बताया कि हर्षित को पकड़ लिया है। मंगलवार को हर्षित को कोर्ट पेश कर रिमांड पर ले लिया। पुलिस इसके पूर्व साथी मिलन, नयन और प्रशांत को गिरफ्तार कर चुकी है।

एक हजार करोड़ की ठगी के मास्टर माइंड सूरत एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है। ग्रीन एनर्जी घोटाले के मामले में क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई की है। एक हजार करोड़ की ठगी का मास्टर माइंड सूरत एयरपोर्ट से गिरफ्तार
ग्रीन एनर्जी घोटाले के मामले में क्राइम ब्रांच की कार्रवाई दस महीने से उसकी तलाश में जुटी थी पुलिस

ढाई सौ फर्जी खातों में जमा राशि चाइना, थाईलैंड से निकाली
पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर को इसी वर्ष फरवरी में 103 लोगों ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। क्राइम ब्रांच ने एफआइआर दर्ज कर जांच की तो पता चला राजस्थान, ओडिशा, बंगाल, मुंबई, उप्र सहित विभिन्न राज्यों के बैंक खातों में रुपये जमा हुए हैं। करीब ढाई सौ खातों को जांच में शामिल किया जो दुकानदार, मजदूर, किसानों के नाम से खुले थे। इन खातों से एक-दूसरे में रुपये ट्रांसफर हुए थे। अंत में इंटरनेट बैंकिंग के जरिये रुपये निकाले गए थे। आइपी एड्रेस की जांच हुई तो खाते इंडोनेशिया, थाईलैंड, चीन से आपरेट होना पाए गए। आरोपित हर्षित स्वयं साफ्टवेयर इंजीनियर है।

दुबई होते हुए भारत आया, मोबाइल-लैपटाप गायब
हर्षित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके परिवार पर भी दबाव बना रही थी। एलओसी जारी होने के बाद उसकी गिरफ्तारी भी निश्चित हो गई थी। तय योजना के मुताबिक वह इंडोनेशिया से दुबई होते हुए भारत आया। गिरफ्तारी के पूर्व उसने मोबाइल बदल दिया। लैपटाप भी गायब कर दिया। पुलिस को चकमा देने के लिए नया फोन खरीदा, जिसमें से डाटा गायब है।

ऐसे ठगा
टेलीग्राम पर लिंक बनाकर भेजता था आरोपितों ने संगठित रूप से ठगा है। टेलीग्राम पर लिंक बनाकर अलग-अलग लोगों को भेजी गई थी। ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट में निवेश करने पर मुनाफा का लालच दिया। शुरुआत में रुपये लौटाए ताकि लोग आसानी से विश्वास कर लें। इसके बाद लोग कमीशन के लालच में एक-दूसरे को जोड़ने लगे। अंत में बंपर मुनाफा की स्कीम निकाली। लोगों ने रातोंरात लाखों रुपये लगा दिए। आरोपित मोबाइल नंबर बंद कर लापता हो गए। जिन नंबरों से चैटिंग की, वह वर्चुअल थे।

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