महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने सबको चौंका दिया है। इस गठबंधन ने राज्य में अभूतपूर्व बहुमत हासिल किया है, जबकि इस बार कड़े मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही थी। खासकर शिवसेना और एनसीपी के दो गुटों के बीच घमासान, साथ ही कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर के कारण चुनावी मैदान में रोमांच था।
इस बार 75 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन नतीजे सभी अनुमान और एग्जिट पोल्स से बिल्कुल अलग निकले। इनमें से 65 सीटों पर बीजेपी ने विजय हासिल की, जबकि कांग्रेस केवल 10 सीटों तक सीमित रह गई। यह परिणाम इसलिए अहम हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने एक शानदार वापसी की थी, जिसमें उसने 48 में से 17 सीटें जीती थीं।
बीजेपी का अभूतपूर्व प्रदर्शन
बीजेपी ने इस बार महाराष्ट्र में सबसे शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी ने 288 में से 132 सीटें जीतीं, जो उसका अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है। 2014 में बीजेपी ने 122 सीटें जीती थीं, जबकि 2019 में यह आंकड़ा घटकर 105 रह गया था। वहीं, कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब रहा और उसने केवल 15 सीटों पर ही जीत दर्ज की, जबकि 2019 में वह 44 सीटों पर विजयी रही थी। 2014 में कांग्रेस ने 42 सीटें जीती थीं।
बीजेपी की जीत की वजहें
बीजेपी की इस शानदार जीत का श्रेय एक सशक्त और संगठित अभियान को दिया जा रहा है। पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व ने मिलकर चुनावी मैदान में मोर्चा संभाला। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने हर उम्मीदवार को समर्थन दिया और उनके क्षेत्रों में प्रचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नितिन गडकरी और योगी आदित्यनाथ जैसे अनुभवी नेताओं ने भी सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए पूरी ताकत झोंकी। इसके साथ ही आरएसएस ने राज्यभर में 60,000 से अधिक बैठकों के जरिए जमीनी स्तर पर समर्थन जुटाया, जिससे विपक्ष की जाति-आधारित रणनीतियों को कमजोर किया गया।
कांग्रेस का खराब प्रदर्शन
कांग्रेस के चुनावी अभियान में अंदरूनी कलह और जमीनी स्तर पर कमजोर संगठन की कमी साफ दिखाई दी। इसके अलावा, पार्टी नेतृत्व भी भरोसा नहीं जगा सका। कांग्रेस के बड़े नेताओं जैसे बालासाहेब थोराट और पृथ्वीराज चव्हाण भी अपनी सीटें नहीं बचा सके। बीजेपी के साथ मुकाबले में कांग्रेस केवल 10 सीटें ही जीत पाई, और वो भी केवल ऐसे क्षेत्रों में जहां अल्पसंख्यक आबादी या स्थानीय नेताओं का प्रभाव था। कोंकण क्षेत्र और इसके आसपास कांग्रेस के पास अब कोई विधायक नहीं है। उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में पार्टी का सिर्फ एक-एक विधायक बचा है। राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले तो अपनी साकोली सीट मुश्किल से जीत पाए, और उनकी जीत महज 208 वोटों से हुई।