रीवा| रीवा के देवतालाब विधानसभा सीट से 4 बार के विधायक गिरीश गौतम मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष बन गए हैं । इसके लिए उन्होंने आज नामांकन दाखिल किया था और वह निर्विरोध चुन लिए गए हैं। सीएम ने कहा कि वे पूरी जिम्मेदारी के साथ पद का निर्वहन करेंगे।
नामांकन से पहले अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा था कि बीजेपी ने विंध्य का हमेशा से सम्मान किया है। अध्यक्ष पद के लिए दूसरे दावेदारों के नामों पर कहा कि सबको अपनी बात रखने का हक। अलग विंध्य प्रदेश की मांग पर बोले -मांग उठाने वाले दूसरे लोग हैं। बीजेपी के अंदर कोई नहीं उठा रहा है मांग।
गौतम मध्य प्रदेश विधानसभा के 18वें अध्यक्ष हैं। वह विंध्य क्षेत्र से आते हैं। विधानसभा अध्यक्ष का पद 17 साल बाद एक बार फिर विंध्य के खाते में जाएगा। विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन एमपी असेंबली के स्पीकर रहे। उनका दो बार का कार्यकाल दिग्विजय सरकार के दौरान 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा।
भाजपा का शुरू से संसदीय परंपराओं में कभी विश्वास नहीं रहा है।
वर्षों से विधानसभा अध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष को व उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने की चली रही परंपराओं को भाजपा ने तोड़ा है लेकिन हमारा शुरू से ही संसदीय परंपराओं में विश्वास रहा है।— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 21, 2021
साल 1972 से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे गिरीश गौतम ने 1977 से लगातार किसानों एवं मजदूरों के लिए संघर्ष किया। वह 2003 में रीवा की देवतालाब विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने। तब से 4 बार इसी सीट से चुने जा चुके हैं। वह विधानसभा की लोक लेखा, महिला एवं बाल कल्याण, अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य रह चुके हैं।
माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं गृह तथा शिक्षा विभाग की सलाहकार समितियों के सदस्य रहे हैं। जब वह 2008 में दूसरी बार विधायक बने तो इस कार्यकाल में प्राक्कलन, विशेषाधिकार, सार्वजनिक उपक्रम समितियों के सभापति रहे। वर्ष 2013 में तीसरी बार विधायक बने और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की प्रबंध सभा के सदस्य, उत्तर-मध्य रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2018 में वह चौथी बार चुनाव जीत कर विधायक बने।
विधानसभा उपाध्यक्ष के नाम पर फैसला 22 फरवरी को होने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश विधानसभा का उपाध्यक्ष पद अनुसूचित जाति( एससी) के किसी वरिष्ठ विधायक को मिल सकता है। 22 फरवरी को ही विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत हो रही है। सर्वदलीय बैठक में यह तय हो जाएगा कि भाजपा उपाध्यक्ष पद विपक्ष यानी कांग्रेस को देती है या अपने पास रखती है। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने यह परंपरा तोड़ते हुए सदन के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद अपने पास रखा था।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक 22 को
बजट सत्र के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक 22 फरवरी को शाम 7 बजे प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर होगी। बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति बनेगी। बजट पर बोलने के लिए कांग्रेस पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।