Leaving math studies can weaken the brain

गणित की पढ़ाई छोड़ने से कमजोर हो सकता है दिमाग

लंदन। बीज गणित, गुणा-भाग और अंकगणित की जटिलताओं से वर्षों तक उलझने के बाद अधिकांश किशोरों की यही इच्छा रहती है कि जल्द से जल्द उन्हें इस विषय से छुटकारा मिल जाए, लेकिन एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि 16 वर्ष की उम्र में गणित की पढ़ाई छोड़ने पर मस्तिष्क का विकास प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की अगुवाई में किए गए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि ऐसे किशोर जो अपनी ए लेवल की पढ़ाई तक गणित का अध्ययन जारी रखे हुए थे, उनके मस्तिष्क में उस रसायन की अधिकता थी जो याददाश्त, सीखने एवं समस्या समाधान के लिए जरूरी होता है। यानी उनका दिमाग गणित पढ़ने से तेज हो रहा था।

मस्तिष्क में बुद्धिमान बनाने वाले रसायन पैदा करता है मैथ्स का अध्ययन

हायर लेवल तक गणित पढ़ने से बढ़ता है ‘जीएबीए’

रिसर्चर्स ने ए लेवल के 87 छात्रों का चयन किया। मस्तिष्क की स्कैनिंग करने पर पता चला, जिन लोगों ने हायर लेवल तक गणित की पढ़ाई की थी उनके मस्तिष्क के प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स कहे जाने वाले भाग में गामा अमीनोब्यूटीरिक एसिड (जीएबीए) की मात्रा उच्च थी। जिन छात्रों में जीएबीए की मात्रा अधिक थी वे जटिल प्रश्नों को हल करने में अधिक कुशल थे।

भविष्य में बढ़ती है समस्या का समाधान करने की क्षमता

रिसर्चर्स का मानना है कि मैथ के पेचीदा समीकरणों को हल करने के लिए नई रणनीति विकसित करते रहने से दिमाग मजबूत होता है, जो कि जीवन में लोगों की समस्या हल करने की क्षमता बढ़ाने में मददगार है। आक्सफोर्ड विवि के न्यूरो साइंस कॉग्निटिव के प्रो. रोइ कोहेन कादोश ने कहा- स्टडी के नतीजे उनके लिए अच्छे हैं, जो गणित की पढ़ाई कर रहे हैं।

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