बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। फाइनेंशियल प्लानिंग करना और फुटबॉल मैच का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन फर्राटेदार खेल से भी फाइनेंशियल प्लानिंग के कई गुर सीख सकते हैं जिससे फ्यूचर में इकोनॉमिक क्राइसिस का सामना न करना पड़े। वहीं, फुटबॉल मैच में प्लेयर्स की जिम्मेदारी आक्रामक खेल दिखाते हुए अपनी टीम के लिए गोल करने की होती है। लेकिन, अकेले खिलाड़ी के भरोसे मैच में जीत हासिल नहीं कर सकते हैं।
करें स्मार्ट टिप
एसेट अलोकेशन-बेस्ड स्ट्रेटजी पर अपना भरोसा रखें। इसमें अपनी आय का बड़ा अमाउंट इन्वेस्टमेंट न करें। इसके अलावा अपने एसेट्स अलोकेशन को ध्यान में रखते हुए लार्ज कैप, मिड कैप और डेट इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। फिक्स्ड आय वाले प्लान में भी इवेस्टमेंट करना चाहिए। क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव कम रहता है और नुकसान से बचाव कर सकते हैं। युवाओं को फिक्स्ड आय इंस्ट्रुमेंट्स में 20 से 25 फीसदी तक का इन्वेस्टमेंट करना चाहिए और 5 से 10 फीसदी इन्वेस्टमेंट गोल्ड में करना चाहिए।
मार्केट में सही समय पर सही इन्वेस्टमेंट करने के साथ ही नुकसान होने का ध्यान रखना चाहिए। मार्केट में इन्वेस्टमेंट के दौरान अनुशासन का ध्यान रखें। इसके साथ ही, अपने लक्ष्य तय करें और उसके अनुसार समय और इन्वेस्टमेंट की स्थिति को निश्चित करें। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इक्विटी में लॉन्च टर्म गोल्स के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहिए और डेट में शॉर्ट टर्म टारगेट के लिए पैसे लगाने चाहिए। हर 6 महीने के बाद अपने पोर्टफोलियो का रिव्यू करते रहें।आपके इक्विटी कंपोनेंट की वैल्यू बढ़ी है तो इन्वेस्टमेंट में इजाफा किया जा सकता है। किसी बड़े लक्ष्य के लिए इन्वेस्टमेंट की गई रकम को अपनी शॉर्ट टर्म जरूरत के लिए न निकालें। अपने रिटायरमेंट प्लान की रकम को सिर्फ कार का शौक पूरा करने के लिए खर्च न करें।
लक्ष्यों से समझौता
मिडकैप स्टॉक्स और म्यूचुअल फंड्स में एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी से आप इसमें छोटी अवधि के लिए भी पैसे बहुत सारा कमा सकते हैं, लेकिन मार्केट में गिरावट समय उतना ही हानि भी हो सकता है। हालांकि, हाई रिटर्न में हाई रिस्क भी शामिल होता है। बाजार में तेजी से बदलाव का ध्यान रखते हुए इस्टमेंट करें और इसमे रक्षात्मक रणनीति को भी अपनाएं। साथ ही, स्कोर करने के अलावा जो मिला है, उसे सेव करना भी जरूरी होता है। उतार-चढ़ाव के समय में बाजार के मूवमेंट पर पैनी नजर रखना जरूरी होता है जिससे आप किसी भी रिस्क से बच सकते हैं। वहीं, अपने किसी भी भी इन्वेस्टमेंट को फाइनेंशियल लक्ष्य से जोड़कर देख सकते हैं। इसके अलावा कोई भी इन्वेस्टमेंट कमजोर प्लानिंग ही कहलाएगा। इन्वेस्टमेंट करते समय अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते रहें। निवेश के अच्छा परिणाम के लिए यह जरूरी होता है।अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में इस बात का जरूर ख्याल रखना चाहिए। साथ ही, नियमों से परे इन्वेस्टमेंट करने में आपको अपने लक्ष्यों से भी समझौता करना पड़ सकता है।
मिड-फील्डर को करें मजबूत
मिड फील्डर मैच का रुख पलटने का दम रखते हैं। वे अटैक भी कर लेते हैं इसके अलावा साथ ही बेहतर डिफेंस भी करें। मैच की परिस्थितियों के अनुसार बनाकर परफॉर्म करते हैं।
डिफेंस को करें मजबूत
बता दें कि, फुटबॉल में डिफेंडर का बॉल को रोकना होता है। वह बॉल को पास होने से रोकते हैं। जिससे नुकसान होने से बच सकते हैं।इसके साथ ही, गोल करने की भी अप्रोच रखें। क्योंकि सच यही है कि विजेता का फैसला मैच में होने वाले गोल से ही होता है। जिस तरह गेम में 45 मिनट के बाद मिलने वाले ब्रेक के दौरान टीम को रिफ्रेश होने और नए सिरे से रणनीति बनाने का मौका मिलता है। वहीं इन्वेस्टमेंट में रेफरी की तरह भी होना चाहिए। इसलिए मैच में रेफरी एक न्यूट्रल अधिकारी होता है। वह नियमों को लागू करता है और जहां खिलाड़ी गलती करते हैं, उन्हें सजा देता है।
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