भोपाल। मप्र में भी लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम 2020 को अध्यादेश के रूप में लागू करने की शिवराज कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। अब अध्यादेश, राज्यपाल आंनदीबेन पटेल के पास भेज दिया गया है। राज्यपाल की मुहर लगते ही कानून अस्तित्व में आ जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस कानून के तहत जो व्यक्ति या संस्थाएं धर्म परिवर्तन में सहयोग करेंगी, उन्हें भी अपराधी बनाया जाएगा। सरकार के लिए बेटियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इससे पहले 26 दिसंबर को कैबिनेट ने विधेयक को मंजूरी दी थी, लेकिन 28 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के स्थगित होने के कारण अब सरकार इस कानून को अध्यादेश के माध्यम से लागू करने जा रही है। इसे छह महीने के अंदर विधानसभा से पास कराना होगा।
कांग्रेस बोली-लाभ उठाने लाए अध्यादेश
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि लव जिहाद पर कानून बनाने के लिए सरकार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर भी इसे अमलीजामा दिया जा सकता था। जब नव निर्वाचित 28 विधायकों को विधानसभा में बुलाकर शपथ दिलाई जा सकती है, तो सत्र आहूत क्यों नहीं हो सकता था। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय चुनावों में लाभ उठाने इसे आनन-फानन में कैबिनेट से मंजूरी दिलाई गई है। उधर, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी कहते हैं कि इस कानून को लेकर सरकार विधानसभा में बहस से बचना चाहती है।
भोपाल में पहला केस!
भोपाल में धर्म छिपाकर 23 साल की हिंदू लड़की से शादी करने के मामले में कोलार पुलिस ने आरोपी पर धोखाधड़ी की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। मामला सामने आने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। यदि लव जिहाद का निकला तो नए कानून के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। हालांकि कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसी संभव नहीं बनेगी। घटना के समय जो कानून होता है उसी के तहत प्रकरण बनता है।
मिलावटखोरों के लिए उम्रकैद का प्रावधान
बैठक में दंड विधि (मप्र संशोधन) अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई है। इसमें यह व्यवस्था है कि मिलावट करने वाले को अब आजीवन कारावास की सजा तक हो सकती है।