जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों और अस्पतालों में परेशानियां बढ़ना शुरू हो गई हैं। मंगलवार को डाक्टरों की कमी की भरपाई करने के लिए अलग से प्रबंध कर जिले में अलग-अलग जगह पदस्थ डाक्टर बुलवाना पड़े। हड़ताल के कारण खास तौर पर कोविड वार्डों और ब्लैक फंगस वार्डों में मरीजों के इलाज में परेशानी आ रही है।
ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज एमवाय अस्पताल में हो रहा है, जबकि एमटीएच अस्तपाल, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और एमआरटीबी में कोविड मरीजों की इलाज हो रहा है। हालांकि, राहत की बात यह है कि कोरोना मरीजों की संख्या में कमी होने से बहुत ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है। शहर में कुल 480 जूनियर डाक्टर हैं। मंगलवार को उन्होंने काम नहीं किया। मेडिकल कालेज के कोविड अस्पतालों के वार्डों में 60 से 70 जूनियर डाक्टरों की ड्यूटी रहती है। इसी तरह एमवायएच के ब्लैक फंगस वार्ड में ईएनटी, नेत्र और अन्य विभागों के करीब 50 जूनियर डाक्टर सेवाएं देते हैं। सोमवार को डाक्टरों ने काम किया था, लेकिन मंगलवार को सारे जूनियर डाक्टर हड़ताल पर थे।
स्वास्थ्य सेवाओं में नहीं आने देंगे व्यवधान
मेडिकल कालेज के डीन डा. संजय दीक्षित ने बताया कि जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण मंगलवार को स्वास्थ्य सेवाओं पर किसी तरह का व्यवधान नहीं आया और न आने वाले समय में ऐसा होगा। लगातार अस्पतालों के अधीक्षकों सेे बात कर रहे हैं। जरूरत हुई तो स्वास्थ्य विभाग या अन्य जगह पदस्थ डाक्टरों को बुलवाया जाएगा। मंगलवार को 35 डेंटल सर्जन, 10 आयुष के डाक्टर, 12 डेमोंस्ट्रेटर और 20 असिस्टेंट सर्जन हमने जिले से बुलवा लिए। इसके अलावा भी पांच असिस्टेंट सर्जन, साइकेट्री के दो असिस्टेंट प्रोफेसर की सेवाएं ली जा रही हैं। वर्तमान में कोरोना मरीजों की संख्या कम हो रही है। इससे भी हड़ताल से परेशानी नहीं हो रही है।