अहमदाबाद : गुजरात में बारिश और बाढ़ से हालात ऐसे हैं कि जिंदगी पर संकट छाया है. सड़कों पर सैलाब के बीच कारें बह रही हैं, घर-मकान डूब गए हैं. गुजरात में सैलाब ने ऐसा प्रहार किया है कि लोगों की सांसें अटक गई हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हेलिकॉप्टर तक उतारने पड़े हैं.
गुजरात के जामनगर, राजकोट और जूनागढ़ में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे स्थिति हो गई है. सबसे खराब हालात जामनगर के हैं. जहां 35 गांवों का संपर्क ही कट गया है. एनडीआरएफ की 6 टीमें और वायुसेना के 4 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं. जिससे बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके.
लगातार बारिश के चलते जामनगर जिले में 18 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं. कई इलाके पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. कई इलाकों में मकानों की पहली मंजिल तक पानी भर गया है. बाढ़ से बचाव के लिए ज्यादातर लोग अपने मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं. NDRF की टीम घर में फंसे लोगों को निकाल रही है.
भारी बारिश के कारण जामनगर और आस-पास के इलाकों में नदियां उफान पर हैं. कई जगह नदियां खतरे का निशान पार कर चुकी हैं. ऐसे में आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हालात को देखते हुए कई गांवों को अलर्ट किया गया है. साथ ही लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है.
A naval team dispatched from INS Sardar Patel to Rajkot yesterday. Team will undertake a rescue operation at Rajkot. Six more teams are ready to augment the ongoing civil rescue efforts in affected areas: Indian Navy pic.twitter.com/RGybT5hV6Q
— ANI (@ANI) September 14, 2021
बारिश से राजकोट का भी हाल बेहाल है. राजकोट के कई इलाकों में सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है. रस्सी के सहारे पानी में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है. इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने अगले 4-5 दिनों के लिए गुजरात में भारी बारिश (Heavy Rainfall) का अलर्ट भी जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों खासकर जामनगर, जूमागढ़, पोरबंदर, द्वारका, ओखा, राजकोट के कई हिस्सों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है.
मछुआरों को समंदर किनारे ना जाने की सलाह
अमरेली मौसम विभाग की ओर से बारिश के अलर्ट के बाद मछुआरों को समंदर किनारे ना जाने की सलाह दी गई है. वहीं, समंदर में गए 600 मछुआरों को वापस बुलाया गया है. वहीं, सीएम पद की शपथ लेते ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सामने इन हालात से निपटना बड़ी चुनौती है. उन्होंने शपथ लेते ही बाढ़ को लेकर इमरजेंसी बैठक बुलाई और राहत और बचाव का काम तेज करने के निर्देश दिए हैं.