International Nurses Day is being celebrated today, know its history

आज मनाया जा रहा रहे अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस, जानिये इसका इतिहास

नर्सेस के योगदान को याद करने और उनके प्रति सम्‍मान प्रकट करने के लिए हर साल 12 मई को इंटरनेशनल नर्सेस डे मनाया जाता है. जनवरी, 1974 में इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा हुई. आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन को ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाया जाता है. डॉक्‍टरों के साथ बीमारों के इलाज में पूरा सहयोग करने वाली नर्सों की कोरोना महामारी से पीड़ित लोगों के इलाज में भी अहम भूमिका है. नर्सों के साहस और उनके सराहनीय योगदान, कार्यों के लिए सम्‍मान जताने के लिए यह दिवस मनाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का इतिहास

हर साल यह दिवस मनाने की वजह यही है कि 12 मई को फेलोरिंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. वह आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक मानी जाती हैं. इनके जन्म दिवस के अवसर पर इस दिन को मनाने का निर्णय लिया गया था. वहीं 1974 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस मनाने की घोषणा की गई. इस दिन इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स द्वारा नर्सों को किट बांटी जाती है. इसमें उनके काम से संबंधित सामग्री होती है. नर्सों के योगदान और उनका सहयोग बहुत जरूरी है. इनके सहयोग बिना स्वास्थ्य सेवाएं अधूरी हैं.

आज कोरोनावायरस महामारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. ऐसे में हमारी नर्सों का योगदान सराहनीय है. वहीं इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्स की ओर से इस बार अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस 2021 की थीम नर्स: ए वॉयस टू लीड- ए विजन फॉर फ्यूचर हेल्थकेयर रखी गई है. यानी ‘नेतृत्व के लिए एक आवाज: भविष्य के स्वास्थ्य के लिए दृष्टि’ इस बार की थीम है. वहीं भविष्य में इसके आधार पर नर्सों का स्वास्थ्य सेवाओं में महत्व और उनके नेतृत्व को लेकर काम किया जाएगा.

इसलिए है इस दिन का महत्व

पूरी दुनिया में नर्सिंग न सिर्फ सबसे बड़ा बल्कि सबसे अहम स्वास्थ्य देखभाल पेशा है. आज कोरोना महामारी के दौर में इसकी अहमियत हम देख ही रहे हैं. नर्सों के माध्यम से मरीजों की बेहतर देखभाल हो पाती है और इनका प्रशिक्षण, अनुभव लोगों की जान बचाने उन्‍हें सेहतमंद बनाने में काम आता है. ये मरीजों की हर समय देखभाल करने के लिए उपलब्ध होती हैं.

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