In Madhya Pradesh 90% of the corona patients who received fake Remedesivir injections from Gujarat were cured.

मध्य प्रदेश में जिन कोरोना मरीजों को गुजरात के नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगे, उनमें से 90% ठीक हो गए

भोपाल। ‘इंदौर और जबलपुर में जिन कोरोना मरीजों को गुजरात से आए नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए, उनमें से 90% मरीजों का लंग्स इंफेक्शन ठीक हो गया।’ जी हां, पुलिस ने खुद ये चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को गंभीरता से सोचना चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इंदौर में जिन लोगों को नकली रेमडेसिविर दिए गए, उनमें से 10 की मौत हो गई। जबकि, 100 से ज्यादा लोग ठीक हो गए। जबकि इस इंजेक्शन में केवल ग्लूकोज और नमक था। हालांकि, जिन लोगों की मौत हो गई उनके शरीर की जांच नहीं हो सकती, क्योंकि सभी का अंतिम संस्कार हो चुका है।

पुलिस ने आगे बताया कि गुजरात स्थित इस रैकेट का भंडाफोड़ एक मई को हुआ था। गुजरात पुलिस को आरोपियों ने बताया था कि उन्होंने 1200 नकली इंजेक्शन बेचे हैं। इंदौर में 700 और जबलपुर में 500 की बिक्री की गई है। आरोपियों ने सबसे पहले मुंबई से खाली शीशी खरीदी और फिर उसमें ग्लूकोस और नमक का घोल भरकर बेच दिया।

दो दिन पहले ही कांग्रेसी नेता गिरफ्तार
इंदौर की विजयनगर पुलिस ने दो दिन पहले ही 4 आरोपियों को पकड़ा था। एक आरोपी को भोपाल से, एक आरोपी को सांवेर से जबकि 2 अन्य आरोपियों को शहर से गिरफ्तार किया था। अब तक इस मामले पुलिस एक दर्जन से अधिक आरोपियों को हिरासत में ले चुकी है। पुलिस जल्द ही कालाबाजारी के मुख्य आरोपियों सुनील मिश्रा, पुनीत शाह और कौशल वोरा को गुजरात से इंदौर ले आएगी।

पुलिस ने भोपाल से आरोपी प्रशांत पाराशर को गिरफ्तार किया है। ये पेशे से इंजीनियर है और सब इंस्पेक्टर की तैयारी कर रहा था। इसने 100 इंजेक्शन मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा से खरीदे थे और इंदौर जिले से बाहर बेचे। प्रशांत पाराशर कांग्रेस से सक्रिय तौर पर जुड़ा है और संक्रमण के वक़्त में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए राजनैतिक दल से दायित्व भी दिए गए थे।

सांवेर से पकड़ाया आरोपी सरवर खान झोलाछाप डॉक्टर है। उसने दवा बाजार के मेडिकल संचालक गौरव केसवानी से नकली इंजेक्शन खरीदा था। पुलिस ने मेडिकल संचालक गौरव को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने एक अन्य आरोपी गोविंद गुप्ता के शामिल होने की बात बताई। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। गोविंद मेडिकल दुकान का कर्मचारी है।

रैकेट ने इंदौर में 700 नकली इंजेक्शन बेचे
दरअसल, 700 नकली इंजेक्शन गुजरात के मोरबी से सुनील मिश्रा लेकर आया था। पहली खेप में 200 इंजेक्शन और दूसरी खेप में 500 नकली इंजेक्शन इंदौर में बेच दिए गए थे। आरोपी प्रशांत पाराशर ने 100 नकली इंजेक्शन बेचे, जो उसने आरोपी मिश्रा से खरीदे थे। सुनील मिश्रा ने दवा बाजार के दलाल चीकू सुनील लोधी की मदद से मेडिकल संचालक आशीष ठाकुर को 100 इंजेक्शन बेचे थे। बाद में आशीष ठाकुर ने इसी नकली इंजेक्शन को दूसरे मेडीकल संचालक गौरव केसवानी को बेचे। गौरव केसवानी ने सांवेर के झोलाछाप डॉक्टर सरवर और दवा बाजार के मेडिकल दुकान में काम करने वाले गोविंद को बेचे।

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