नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) ने वॉट्सएप (WhatsApp) को अपनी नई निजता नीति (Privacy Policy) वापस लेने का निर्देश दिया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि आईटी मंत्रालय का मानना है कि वॉट्सएप प्राइवेट पॉलिसी में बदलाव गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के मूल्यों को कमजोर करते हैं और भारतीय नागरिकों के अधिकारों को नुकसान पहुंचाते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने नोटिस का जवाब देने के लिए वॉट्सएप को सात दिन का समय दिया है और अगर इन सात दिनों में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो कानून के अनुसार जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
क्या है वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी
वॉट्सएप ने उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी पैरेंट कंपनी फेसबुक को ध्यान में रखकर तैयार की है। नई पॉलिसी के तहत वॉट्सएप का डाटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और पार्टनर कंपनियों के साथ शेयर किया जाएगा, लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि वॉट्सएप के मुताबिक नई पॉलिसी सिर्फ बिजनेस अकाउंट के लिए है।
क्यों गलत है नई प्राइवेसी पॉलिसी
मंत्रालय के मुताबिक वॉट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में मौजूदा भारतीय कानूनों और नियमों के कई प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सरकार भारतीय कानूनों के तहत उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगी।
भारतीय यूजर्स के साथ भेदभाव
मंत्रालय ने वॉट्सएप द्वारा यूरोप में यूजर्स की तुलना में भारतीय यूजर्स के साथ ‘भेदभावपूर्ण व्यवहार’ के मुद्दे को भी दृढ़ता से उठाया है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी यही रुख अपनाया है, जहां यह मामला विचाराधीन है। जानकारी के मुताबिक जो टर्म्स और कंडीशन्स वॉट्सएप भारतीय यूजर्स के लिए लाता है वो यूरोपियन यूजर्स के लिए नहीं है।
बंद नहीं किया जाएगा अकाउंट
वॉट्सएप ने अपने यूजर्स के लिए निजता नीति में किए गए बदलाव लागू करने के लिए 15 मई की समयसीमा तय की थी, लेकिन बाद में यह समयसीमा रद्द करके आगे बढ़ा दी गई। कंपनी ने यह भी कहा था कि नई शर्तों को न मानने पर किसी भी यूजर्स का अकाउंट बंद नहीं किया जाएगा। इसके बाद कंपनी ने अपने नए फैसले में कहा कि शर्तें स्वीकार न करने वाले यूजर्स एप पर आने वाली सामान्य कॉल और वीडियो कॉल जैसी कुछ सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।