Ganesha removes all the architectural defects of the house along with all kinds of difficulties.

सभी तरह की मुश्किलों के साथ ही घर के वास्तु दोष को भी दूर करते हे गणेश जी

नई दिल्ली: हम में से बहुत से लोग घर बनवाते या रेनोवेट करवाते समय सजावट का तो पूरा ध्यान रखते हैं लेकिन वास्तु की अनदेखी कर देते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वास्तु शास्त्र की रचना सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने की है और इसे मानव कल्याण के लिए ही बनाया गया है. ऐसे में वास्तु की अनदेखी करने पर घर के सदस्यों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. भगवान गणेश  को यूं ही विघ्नहर्ता नहीं कहा जाता. वे सभी तरह के विघ्नों और समस्याओं को दूर कर देते हैं जिनमें वास्तु दोष भी शामिल है. ऐसे में घर से जुड़े वास्तु दोष को दूर करने के लिए गणेश जी की प्रतिमा या चित्र को कहां और किस दिशा में लगाना चाहिए, इस बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें.

इस दिशा में लगाएं गणेश जी की प्रतिमा या फोटो

  • वास्तु शास्त्र के मुताबिक अगर आपके घर या ऑफिस में किसी तरह का वास्तु दोष हो तो उसे दूर करने के लिए आप किसी भी हिस्से में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ति या फोटो लगा सकते हैं.
  • प्रतिमा या तस्वीर लगाते वक्त केवल इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी का मुंह दक्षिण दिशा  या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए वरना इसका विपरित प्रभाव भी हो सकता है.
  • आप चाहें तो घर में बैठे हुए और ऑफिस में खड़े गणेश जी का चित्र भी लगा सकते हैं.
  • घर के केंद्र में, ईशान कोण में और पूर्व दिशा में गणेश जी की मूर्ति या चित्र लगाना शुभ रहता है. सुख-शांति और समृद्धि के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति लगाना भी शुभ माना जाता है.
  • गणेश जी की मूर्ति या चित्र लगाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाएं हाथ की ओर घुमी हुई हो और उनके चित्र में मोदक या लड्डू के साथ ही चूहा भी अवश्य होना चाहिए.
  • वैसे तो घर में गणेश जी की एक से अधिक प्रतिमाएं होने पर कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन गणेश जी की प्रतिमा लगाते समय ध्यान रखें कि एक ही जगह पर 3 मूर्तियां नहीं होनी चाहिए.
  • घर के मुख्य दरवाजे पर विनायक की प्रतिमा या चित्र लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है लेकिन ऐसा करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर कभी भी घर के बाहर न देख रही हो. उनका मुंह महेशा इस दिशा में होना चाहिए कि वह घर की ओर देख रहे हों.
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