आंखें ना हों तो क्या हो..अगर आप आंखों को कुछ घंटे बंद कर दिन बिताएं तो आपको इसका महत्व समझ में आएगा. दरअसल यह शरीर के सभी अंगों में से एक बहुत ही महत्वपूर्ण और नाजुक अंगों में से एक है . इसी से हम अपने आसपास की दुनिया को देख पाते हैं. लेकिन हमारे लिए ये जितना जरूरी है उतना जरूरी ही आंखों के लिए उनका सही तरीके से देखभाल करना भी है. दूषित पर्यावरण वैसे ही हमारी आंखों को काफी नुकसान पहुंचाती है, ऐसे में कुछ आदतों को अपने रोजाना की रुटीन में शामिल करना हमारी जरूरत बन गई है. आंखों की सही तरीके से देखभाल करने और किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए हमें अपनी कौन सी आदतों में बदलाव लाना होगा आज हम यहां आपको बता रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि हमें अपनी किन किन आदतों को बदलने की जरूरत है.
1.घंटों कम्प्यूटर या मोबाइल देखना
अगर आप लगातार कम्प्यूटर या मोबाइल पर एक टक नजर गड़ाकर काम कर रहे हैं तो आपकी आंखों को काफी नुकसान हो सकता है. दरअसल इनसे निकलने वाली रंग बिरंगी लाईट्स आंखों के लिए हानिकारक हो सकती है. अगर काम करना ही हो तो आप बीच बीच में ब्रेक दें और दूर तक नजर ले जाएं.
2.बिना मेकअप हटाए सोना
कई बार थकान के चक्कर में आंखों से मेकअप हटाने में आलस आ जाता है और महिलाएं आंखों से मेकअप हटाए बिना ही सो जाती हैं. यह आंखों की पलकों का खराब कर सकते हैं और कई तरह का इनफेक्शन भी हो सकता है.
3.तेज धूप में घूमना
अगर आप तेज धूप में आंखों पर सनग्लास नहीं लगाते तो आंखों सूरज की पराबैंगनी किरणों से नुकसान हो सकता है. ऐसे में धूप में जब भी निकले अच्छी क्वालिटी का सनग्लास लगाएं जो यूवी प्रोटेक्टर हो. ये आंखों को कई प्रॉब्लम से बचा सकता है.
4.आंखों को रगड़ना
जब भी हम सोकर उठते हैं या आंखों में कुछ धूल आदि चला जाता है तो हम अपनी आंखों को जोर जोर से रगड़ने लगते हैं. ऐसा करने से हमें आराम तो मिलता है लेकिन इससे आंखों के अंदर और बाहर दोनों हिस्सों की स्किन को काफी नुकसान हो सकता है. दरअसल आंखों के आसपास की स्किन बहुत ही नाजुक होती है और जब आप इसे रगडते हैं जो यह डैमेज हो सकते हैं. यही नहीं, ऐसा करने से संक्रमण की संभावना भी बढ़ जाती है.
5.कॉन्टेक्ट लेंस में लापरवाही
चश्मा से बचने के लिए कई लोग कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग करते हैं. इसे प्रयोग करने से पहले अगर आप हाइजीन को नजरअंदाज करते हैं तो आपकी आखों में संक्रमण हो सकता है. यही नहीं, कई लोग तो लेंस को बिना निकाले ही सो भी जाते हैं जो काफी खतरनाक हो सकता है. इससे आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है.ऐसा करने से आंखों के कॉर्निया तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता और आंखों को अत्यधिक स्ट्रेस पड़ने से कई नुकसान हो सकते हैं.