नई दिल्ली: शहरों की सड़कों पर अब पेड़ कम हो चले हैं. लेकिन गर्मियों में जब आप गांव में होते हैं, तब आम से लेकर कई किस्म पेड़, फलों से लदे होते हैं. एक ऐसा ही फल गर्मियों में मिलता है, जो देखने में किसी कीड़े जैसा लगता है. लेकिन जब आप उसे खाएंगे, तो स्वाद में खो जाएंगे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं काले-लाल शहतूत की. गर्मियों में शहतूत के सेवन से सिर्फ लू ही नहीं लगती है. बल्कि कई अन्य फायदे भी होते हैं. आइए जानते हैं…
1. टॉन्सिल को करता है दूर
शहतूत का सेवन गले के लिए काफी फायदेमंद होता है. खासकर टॉन्सिल के रोग में इसके सेवन से काफी फायदा मिलता है. टॉन्सिल से परेशान व्यक्ति इसका शरबत बनाकर पी सकते हैं.
2. कब्ज को करें छू-मंतर
शहतूत के सेवन से पेट भी काफी हदतक दुरुस्त रहता है. अगर पेट में दर्द है या कब्ज की समस्या है, तो पहले इसका जूस बना लें. उसमें थोड़ी मात्रा में पिपली का चूर्ण डालकर पीएं, तो राहत मिलती है. शहतूत में मौजूद फाइबर पेट के पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है.
3. डायबटिज के लिए रामबाण
शुगर या डायबटिज या मधुमेह के रोगियों के लिए शहतूत रामबाण है. जिन लोगों को टाइप 2 डायबटिज होने की संभावना है, उन्हें शहतूत का सेवन करना चाहिए. इसमें मौजूद प्लाज्मा, ग्लूकोस को बढ़ता है, जो इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है.
4.कैंसर में फायदेमंद
शहतूत में विटामिन ए और विटामिन सी के अलावा कई अन्य जरूरी तत्व मौजूद होते हैं. इसके अलावा एंटीऑक्सीडेंट्स की संख्या भी भरपूर होती है, जो कैंसर के मुक्त कणों से हमारी रक्षा करते हैं. कुल मिलाकर ये कैंसर को आने से रोकता है.
5.आंखों की बढ़ाता है रोशनी
शहतूत एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. इसका सीधा फायदा हमारी आंखों को मिलता है. दरअसल, ये रेटिना को होने वाले नुकसान से बचाता है. मोतियाबिंद जैसी बीमारियों में काफी फायदेमंद साबित होता है.
6.इम्यूनिटी को करता है बूस्ट
कोरोना काल में हर किसी को इम्यूनिटी की चिंता रहती है. जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शहतूत में विटामिन सी की अच्छी मात्रा मिलती है, जो रोग से लड़ने में हमारी मदद करता है. इसके अलावा ये इम्युनिटी भी बढ़ाता है.
7.दिमाग को करे तेज
जैसे-जैसे उम्र बढ़ाती जाती है, वैसे-वैसे दिमाग स्लो काम करने लगता है. बूढ़े होने पर लोगों को काफी दिक्कतें भी होती हैं. लेकिन शहतूत में मिलने वाला ग्लाइफोसेट दिमाग को दुरुस्त रखता है. दिमाग को शार्प बनता है. खास बात है कि तनाव पैदा करने वाले तत्वों को भी रोकने की कोशिश करता है.