न्यूयॉर्क। वर्क फ्रॉम के दौरान अमेरिकी लोगों द्वारा पाले गए डॉगी अब अपने मालिक के वापस काम पर आफिस जाने के कारण तनाव का शिकार हो रहे हैं। आबर्न यूनिवर्सिटी की टीम ने अपने अध्ययन में पाया है कि महामारी के दौरान साथी बने ये पपी अब अन्य डॉग्स या इंसानों का सामना होने पर घबरा जाते हैं, क्योंकि अभी तक इन्होंने अपना अधिकांश समय मालिक के साथ घर की चारदीवारी में गुजारा है, जिसके कारण वे बाहरी वातावरण से सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं। जीवन के शुरुआती 3 माह सामाजिकता के लिए होते हैं अहम: रिसर्चर्स का कहना है कि ऐसा इसलिए है कि इन प्राणियों ने अपने जीवन के शुरुआती 3 माह घरों के भीतर ही गुजारे हैं, जो कि इनके सामाजिक विकास के लिए एक अहम समय होता है। महामारी के दौरान करीब 30 लाख अमेरिकन ने अपने साथ के लिए डॉगी की या तो खरीदी की या फिर उन्हें गोद लिया। लेकिन अब प्रतिबंधों में छूट के बाद वे काम पर लौटने लगे हैं।
अजनबी लोगों को भय और संदेह की नजर से देख रहे ये पालतू डॉगी
इन्हीं में से एक है गैबी नाम की मिक्स्ड ब्रीड का एक पपी जल्द ही एक वर्ष की उम्र की होने वाला है। आबर्न विवि के वैज्ञानिकों ने गैबी का अध्ययन करने पर यह पाया कि उसका सामना जब किसी नए इंसान या अन्य डॉग्स से होता है तो वह भय एवं संदेह का व्यवहार प्रदर्शित करती है। जब उसका सामना नए वातावरण या अपारिवारिक स्थितियों से होता है तो वह घबरा जाती है। जब उसे किसी पशु चिकित्सक के पास ले जाया जाता है तो उसके व उसके मालिक दोनों के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो जाती है। इन सबका एक ही कारण है कि उसने अपने जीवन का अधिकांश भाग घर के भीतर अपने मालिकों के साथ गुजारा है।
हमेशा भयभीत ही रहेंगे : अल्बामा के ओपेलिका स्थित रीकैलीब्रेटेड के9 डॉग ट्रेनिंग सर्विस के सर्टिफाइड डॉग ट्रेनर कैट क्लटन ने कहा, शुरुआती 3 माह डॉग के संपूर्ण जीवन के व्यवहार को विकसित करने के लिए अहम होते हैं। इस दौरान पपीज यह सीखते हैं कि अन्य डॉग्स एवं इंसानों के साथ किस तरह सामाजिक संचार स्थापित करना है।