वॉशिंगटन। अमेरिका पर हुए 9/11 के आतंकी हमले के 20 साल बाद अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने कुछ ऐसे गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं, जिनमें सऊदी अरब और हमलावरों के बीच लिंक की बात कही गई है। दस्तावेज में बताया गया है कि अपहरणकर्ता अमेरिका में सऊदी अरब के अपने साथियों से संपर्क में थे लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है कि इस साजिश में सऊदी अरब के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश के बाद ये दस्तावेज जारी किए गए, जिन्हें वर्षों तक गोपनीय रखा गया। 16 पन्नों का दस्तावेज एफबीआई द्वारा 2015 में लिए गए उस व्यक्ति के इंटरव्यू का निचोड़ है जो अमेरिका में सऊदी नागरिकों के संपर्क में था, जिन्होंने हमले से पहले विमान अपहरणकर्ताओं को देश में प्रवेश करने में मदद की थी। 4 अप्रैल 2016 के मेमो में बताया गया है कि उमर बयूमी का अलकायदा के उन दो आतंकियों से लिंक था जो न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन स्थित टारगेट्स को हिट करने के लिए विमान हाइजैकिंग में शामिल थे।
बाइडेन पर था दबाव
हमले में मारे गए लोगों के परिवारों ने बाइडेन पर दस्तावेज जारी करने का दबाव डाला। वे रिकॉर्ड्स को जारी करने की मांग कर रहे थे।
क्या है रिपोर्ट में
2009 और 2015 में एक गोपनीय सोर्स के इंटरव्यू के आधार पर दस्तावेजों में बयूमी और दो हाइजैकर्स नवाफ अल हाजमी और खालिद अल मिदहार के बीच संपर्क और बैठकों की बात कही गई है। ये दोनों आतंकी हमलों से पहले वर्ष 2000 में दक्षिणी कैलिफोर्निया आ गए थे।
दस्तावेजों में इन दोनों के लॉस एंजलिस स्थित किंग फाद मस्जिद के इमाम फहाद अल थुमैरी और सऊदी वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी से लिंक की सूचना की भी पुष्टि की गई है।
नया खुलासा: 9/11 हमले की बरसी पर जारी वीडियो में दिखा आतंकी अल-जवाहिरी
इधर अलकायदा प्रमुख अल-जवाहिरी की मौत हो गई या वह अब भी जिंदा है, यह एक रहस्य ही बना है, मगर कई अटकलों के बीच शनिवार को एक नए वीडियो में आतंकी जवाहिरी को देखा गया। हमले की बरसी पर जवाहिरी का वीडियो जारी किया गया, जिसमें उसे कई मसलों पर बोलते देखा गया।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का नहीं किया जिक्र
आतंकी समूहों की आनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने वाले इंटेलिजेंस ग्रुप साइट के अनुसार अलकायदा द्वारा जारी वीडियो में जवाहिरी ने यरूशलेम के यहूदीकरण समेत कई विषयों पर बात की। हालांकि जवाहिरी ने अफगान पर तालिबान के कब्जे का जिक्र नहीं किया।
मुल्ला बरादर का पासपोर्ट पाकिस्तान में बना
अफगानिस्तान में तालिबानी शासन कायम करने में पाकिस्तान का बड़ा हाथ है और इसका सबसे बड़ा सबूत अब सामने आया है। तालिबान में उप प्रधानमंत्री घोषित किए गए मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के पास से पाकिस्तानी पासपोर्ट और नेशनल आईडेंटिटी कार्ड मिले हैं। इतना ही नहीं मुल्ला बरादर के पासपोर्ट की फोटो भी उपलब्ध है और इसमें उसने असली पहचान छिपाकर फर्जी नाम का सहारा लिया है और इसका आईडी नंबर भी पाकिस्तान का ही निकला है।
बिना पुरुषों वाली क्लास में पढ़ेंगी लड़कियां-महिलाएं
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में लड़कियों को उच्च शिक्षा की इजाजत तो दी गई है लेकिन तमाम पाबंदियों के साथ। लड़कियों के लिए इस्लामी पोशाक पहनना अनिवार्य होगा यानी उन्हें सिर से पांव तक पूरे शरीर को ढकने वाला बुर्का पहनना होगा। तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बकी हक्कानी के अनुसार नई सरकार की तरफ से जारी फरमान में सहशिक्षा पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कक्षा में लड़के और लड़कियां एक साथ नहीं बैठ सकेंगे।