मध्य प्रदेश में भी दुकानों पर मालिक का नाम लिखने की मांग तेज, भाजपा विधायकों ने सीएम को लिखा लेटर
सावन माह में निकलने वाली कांवड़ यात्रा के मार्ग पर बनी दुकानों में उनके मालिकों के नाम लिखने की मांग मध्य प्रदेश में भी उठने लगी है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसकी शुरुआत हुई है, जिसके बाद मध्य प्रदेश में भी भाजपा विधायकों ने सीएम डॉ. मोहन यादव को इस तरह का आदेश देने की मांग कर दी है। इंदौर से भाजपा विधायक रमेश मेंदोल और मालिनी गौड़ ने सीएम से की मांग। जबलपुर कैंट से भाजपा विधायक अशोक ईश्वरदास रोहाणी ने भी किया समर्थन। उज्जैन में दुकानों के बाहर नाम लिखने का आदेश पहले से, नहीं हो रहा पालन। इंदौर। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग में स्थित खान-पान व फल दुकानों के बाहर असली मालिक का नाम लिखने के निर्देश की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके लिए इंदौर के दो भाजपा विधायकों रमेश मेंदोला व मालिनी गौड़ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है और आदेश जारी करने का आग्रह किया है। जबलपुर कैंट से भाजपा विधायक अशोक ईश्वरदास रोहाणी ने भी खान-पान व फल की दुकानों के बाहर मालिक का नाम लिखने की मांग का समर्थन किया है।
उज्जैन नगर निगम में जारी किया था ऐसा आदेश
वहीं, उज्जैन में नगर निगम द्वारा इस बारे में वर्ष 2022 में जारी आदेश के पालन पर जोर दिया जाने लगा है। इंदौर क्षेत्र दो के विधायक रमेश मेंदोला का कहना है कि दुकान पर नाम लिखने का नियम होने से सभी दुकानदार अपनी व्यापारिक साख बढ़ाने के लिए ग्राहकों को बेहतर सेवा देने का प्रयास करेंगे। इंदौर क्षेत्र चार के विधायक मालिनी गौड़ ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा कि कई बार देखने में आता है कि हिंदू देवी-देवता और महापुरुषों के नाम पर अन्य धर्म वाले दुकानों का नाम रख लेते हैं। खाद्य पदार्थों पर थूकने, गंदगी से बनाने के वीडियो भी सामने आते हैं।
उज्जैन के महापौर ने दिए आदेश का पालन कराने की मांग
प्रत्येक दुकान पर मालिक का नाम दर्ज होने से अप्रिय स्थिति नहीं बनेगी। उधर, उज्जैन में महापौर मुकेश टटवाल के साथ साधु-संतों ने आयुक्त आशीष पाठक से नगर निगम के वर्ष 2022 में दिए गए उस आदेश का पालन कराने की मांग की है।
नाम नहीं लिखने पर जुर्माना वसूला जाएगा
इसमें होटल, रेस्टोरेंट व दुकानों के बोर्ड पर उनके मालिकों का नाम, मोबाइल नंबर हिंदी में लिखने को कहा गया था और नियम का पालन न करने पर पहली बार दो हजार रुपये व उसके बाद पांच हजार रुपये जुर्माना वसूलने का प्रविधान किया था। इसका पूर्णत: पालन नहीं हुआ। दादूराम आश्रम के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर ज्ञानदास का कहना है कि कई बार होटल का नाम कुछ और होता है और मालिक असल में कोई और होता है। नाम लिखने से पारदर्शिता रहेगी।