नई दिल्ली। कोरोनावायरस के बीच देश के लिए सबसे अच्छी खबर आई है। दिसंबर के आखिर में या जनवरी की शुरूआत में कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल सकता है। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि भारत में अब कुछ वैक्सीन फाइनल स्टेज के ट्रायल्स में हैं। हमें उम्मीद है कि दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरूआत तक इनमें से किसी को ड्रग रेगुलेटर से इमरजेंसी अप्रूवल मिल जाएगा। उसके बाद वैक्सिनेशन शुरू हो सकेगा। दरअसल, इस समय भारत में 6 वैक्सीन पर काम चल रहा है। इसमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक के वैक्सीन फेज-3 ट्रायल्स में हैं।
डॉ. गुलेरिया ने आगे कहा कि हमने फिलहाल कोरोना की लहर में गिरावट देखी है और उम्मीद है कि यदि हम सही से नियमों का पालन करें तो यह जारी रहेगा। यदि हम अगले 3 महीनों के लिए इसका पालन करें तो हम एक महामारी से संबंधित एक बड़ा बदलाव देख सकते हैं।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन-कोवीशील्ड के फेज-3 के क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आ चुके हैं। इसे भारत में बना रहे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे जल्द ही इमरजेंसी अप्रूवल के लिए अप्लाई करने की तैयारी कर रहे हैं।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जो डेटा अब तक सामने आया है, उसके आधार पर कहा जा सकता है कि वैक्सीन सेफ और इफेक्टिव है। वैक्सीन की सेफ्टी और एफिकेसी से कोई समझौता नहीं होगा। 70 से 80 हजार वॉलंटियर्स को वैक्सीन लगाई गई है। अब तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। डेटा बताता है कि शॉर्ट टर्म वैक्सीन सुरक्षित है।
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के कोल्ड स्टोरेज में सप्लाई के लिए कोवीशील्ड वैक्सीन के डोज तैयार हैं। इमरजेंसी अप्रूवल मिलते ही इनकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। कंपनी भारत में 10 करोड़ डोज सप्लाई करने वाली है। चीन ने अपने 4 और रूस ने अपने 2 वैक्सीन को क्लिनिकल ट्रायल्स पूरे होने के पहले ही मंजूरी दे दी थी। इसके बाद यूके ने 2 दिसंबर को अमेरिकी कंपनी फाइजर और उसकी जर्मन सहयोगी बायोएनटेक के बनाए एमआरएनए वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया है।