Cracker businessman despaired due to Corona and strictness of administration

कोरोना और प्रशासन की सख्ती के चलते पटाखा व्यवसाई मायूस

इंदौर : कोरोना का असर देश की अर्थव्यवस्था पर कितना पड़ा है इसका प्रमाण पटाखा बाजार में देखने को मिल रहा है। कोरोना (Corona) संक्रमण शुरू होने के लॉक डाउन ने हालात खराब कर दिये। आठ महीने बाद भी लोगों की जेब खाली है। जिसके चलते पटाखा बाजार में दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे हैं।

दिवाली पर ग्वालियर में थोक पटाखा बाजार के अलावा रिटेल पटाखा बाजार भी लगते हैं। हर साल इन सभी बाजारों में रौनक रहती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार कोरोना संक्रमण का असर पटाखा बाजार पर दिखाई दे रहा है। रिटेल दुकानदारों ने चार पांच दिन पहले दुकाने लगाना शुरू कर दी लेकिन बाजार में रौनक नहीं है। दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में बैठे रहते हैं। दुकानदार अरुण रावत ने बताया कि कोरोना के कारण लोग खरीदारी कम कर रहे हैं क्योंकि उनकी आमदनी कम हो गई है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा चाइना और भगवान के चित्र वाले पटाखों पर भी रोक लगाए जाने का असर हो रहा है। लोग मन माफिक पटाखे नहीं मिलने से निराश होकर लौट जाते हैं और हमारा नुकसान हो रहा है। अरुण ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग तो सभी दुकानदार कर रहे हैं लेकिन बारूद होने के कारण सेनेटाइजर का उपयोग संभव नहीं है क्योंकि इससे आग लगने का ख़तरा है। अरुण ने बताया कि पिछले साल कि तुलना में अभी 50 प्रतिशत बाजार कमजोर है उम्मीद करते हैं कि एक दो दिन में कुछ अच्छा बाजार चल जाए।

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