Corona Vaccine: Covaxin may soon be included in the list of WHO today is the pre-submission meeting

Corona Vaccine: जल्द WHO की लिस्ट में शामिल हो सकती है Covaxin, आज है प्री-सबमिशन मीटिंग

भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को जल्द ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी मिल सकती है। इस सिलसिले में कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक, आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ अपनी प्री-सबमिशन मीटिंग करेगी। कोवैक्सीन की मंजूरीर के लिए यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। इस बैठक में स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन के आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) के लिए मूल्यांकन किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ से मान्यता मिल जाने पर इस टीके को लगवाने वाले लोगों को विदेश जाने में सहूलियत होगी। इसके साथ ही इस टीके के निर्यात का भी रास्ता खुलेगा।

भारत में तीन वैक्सीनों का हो रहा इस्तेमाल

कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने आइसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है। यह भारत में बनी पहली स्वदेशी वैक्सीन है। भारत में अभी कोरोना के खिलाफ तीन वैक्सीनों का इस्तेमाल हो रहा है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी इनमें से एक है। दूसरी वैक्सीन कोविशील्ड लगाई जा रही है। इसको आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका ने बनाया है, जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया कर रहा है। इसके अलावा रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन भी लगाई जा रही है।

19 अप्रैल को EOI की थी पेश

कोवैक्सीन को अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन की इमरजेंसी यूज की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिसकी वजह से कई देशों ने कोवैक्सीन लगवाने वाले लोगों को ट्रेवल की मंजूरी नहीं दी है। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत बायोटेक को अपने कोवैक्सीन टीके को आपात इस्तेमाल के लिये सूचीबद्ध कराने को लेकर और अधिक जानकारी देने को कहा था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट पर जारी एक दस्तावेज में कहा गया था कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को EOI यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट पेश की थी। इस संबंध में और अधिक जानकारी की जरूरत है।

देसी फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक को कुछ विदेशी देशों में कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि इसमें फेज तीन के ट्रायल डेटा की कमी है, जो डब्ल्यूएचओ के लिए वैक्सीन निर्यात करने और इसे बहुप्रतीक्षित कोरोना वायरस ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का हिस्सा बनाने के लिए आवश्यक है। हालांकि, अब कंपनी ने तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा सार्वजनिक कर दिया है, जिसमें टीके का काफी बेहतर प्रदर्शन दिखा है।

क्लीनिकल ट्रायल में 77.8 फीसदी असरदार

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में 77.8 फीसदी असरदार साबित हुई है। कंपनी ने पिछले हफ्ते ही ट्रायल का डेटा (डीसीजीआई) ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को सौंपा था। जिस पर मंगलवार को विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की अहम बैठक हुई। इसमें वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के डेटा को मंजूरी दे दी गई।

इससे पहले भारत बायोटेक ने कहा था कि उसे कोरोना के अपने टीके कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से जुलाई-सितंबर तक इमरजेंसी इस्तेमाल मंजूरी (ईयूए) मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि कोवैक्सीन के लिए 60 से अधिक देशों में नियामकीय मंजूरी प्रक्रिया में है, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, हंगरी जैसे देश शामिल हैं। बयान में कंपनी ने कहा था कि ईयूए के लिए आवेदन डब्ल्यूएचओ-जिनेवा को सौंप दिया गया है, नियामकीय मंजूरी जुलाई-सितंबर 2021 तक मिलने की उम्मीद है।” टीका निर्माता ने कहा कि इसे 13 देशों में ईयूए हासिल हो गया है और अन्य कई अन्य देशों में मिलने की उम्मीद है। अधिकतर देशों ने कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण की अनुशंसा की है।

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