Changes made in cabinet committees: Scindia Bhupendra Yadav Mandaviya Sonowal Giriraj Singh and Smriti Irani got the place

कैबिनेट कमेटियों में किए गए बदलाव: सिंधिया, भूपेंद्र यादव, मंडाविया, सोनोवाल, गिरिराज सिंह और स्मृति ईरानी को मिली जगह

नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का कैबिनेट विस्तार बुधवार को हुआ। मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 43 मंत्री शामिल किए गए हैं जिनमें 15 मंत्री कैबिनेट स्तर के और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार के बाद अब कैबिनेट कमेटियों में अहम बदलाव किया गया है। कमेटियों में भी पीएम मोदी ने युवा नेताओं को प्राथमिकता दी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, सर्बानंद सोनोवाल, मनसुख मंडाविया, गिरिराज सिंह और स्मृति ईरानी समेत अन्य कई मंत्रियों को समिति में जगह दी गई है। भूपेंद्र यादव को सभी अहम समितियों में शामिल किया गया है।

इन मंत्रियों को मिली जगह

  • पॉलिटिकल अफेयर्स से जुड़ी कैबिनेट कमेटी में भूपेंद्र यादव, स्मृति ईरानी, सर्बानंद सोनोवाल, मनसुख मंडाविया, गिरिराज सिंह को जगह मिली।
  • इन्वेस्टमेंट और ग्रोथ से जुड़ी हुई कैबिनेट कमेटी में नारायण राणे, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अश्विनी वैष्णव को शामिल किया गया है।
  • रोजगार और स्किल से जुड़ी कमेटी में धर्मेंद्र प्रधान, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, हरदीप पुरी, आरसीपी सिंह की एंट्री हुई है। इस कमेटी की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ में है।
  • संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी में अर्जुन मुंडा, विरेंद्र कुमार, किरण रिजिजू, अनुराग ठाकुर को जगह मिली है, इस कमेटी की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।

कई पूर्व मंत्री हुए बाहर

पूर्व मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर हर्षवर्धन जैसे बड़े चेहरे कैबिनेट से बाहर हो गए हैं, ऐसे में अब कमेटियों में नया बदलाव किया गया है। वहीं हर्षवर्धन और सदानंद गौड़ा अभी भी कुछ समितियों में बने हुए हैं। कैबिनेट में नियुक्ति, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।

क्यों किया जाता है पुनर्गठन?

मंत्रिमंडलीय समितियों का गठन या पुनर्गठन तब किया जाता है जब नई सरकार काम-काज संभालती है या मंत्रिमंडल में फेरबदल होते हैं। इन समितियों के माध्यम से मंत्रिमंडल को अपना काम करने में सुविधा होती है। ये समितियां संविधानेतर हैं अर्थात संविधान में इनका कोई उल्लेख नहीं है, तथापि इनकी स्थापना हेतु कार्य संचालन संबंधी नियमावली का प्रावधान है।

Scroll to Top