टोरंटो। कनाडा और अमेरिका के ओरेगन तथा वाशिंगटन में भीषण गर्मी पड़ रही है और वहां गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वहीं गर्मी में झुलसने से 500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस अत्यधिक तापमान के पीछे जलवायु की घटना को जिम्मेदार माना जा रहा है, जिसे हीट डोम (गर्म गुंबद) कहते हैं। कनाडा के चीफ कोरोनर लीजा लैप्वाइंटे ने कहा है कि उनका देश बहुत ज्यादा गर्म हवाओं की चपेट में है, जिसकी वजह से 5 दिनों के अंदर मौत के आंकड़ों में 195 फीसदी इजाफा हो गया है। यहां कम से कम 486 मौतें अचानक और अप्रत्याशित तरीके से दर्ज की गई हैं। वहीं अमेरिका के ओरेगन के स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि गर्मी के कारण 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और राज्य की सबसे बड़ी काउंटी मुल्टनोमा में शुक्रवार से लू से 45 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अब लोगों ने गर्मी से बचने के लिए वाटर पार्क का रुख करना शुरू कर दिया है।
कनाडा में 16.4 डिग्री से. ही औसतन दर्ज होता है तापमान
कनाडा में असामान्य गर्म हवाओं की थपेड़ों के चलते तापमान 49.5 डिग्री तक पहुंच गया है, जो कि वहां अब तक का रिकॉर्ड है। मौसम विशेषज्ञों ने जलवायु की इस घटना के लिए हीट डोम के प्रभाव को जिम्मेदार माना है। कहा जा रहा है कि कनाडा पर 10 हजार साल में पहली बार इस तरह के हीट डोम का असर पड़ा है। इस क्षेत्र में हर साल 16.4 डिग्री सेल्सियस ही औसत तापमान दर्ज किया जाता है। लेकिन, जहां कभी भी तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार नहीं गया, वहां इसबार करीब 50 डिग्री के करीब तक पहुंच गया है।
हीट डोम क्या है
अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट के नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के मुताबिक हीट डोम तब बनता है, जब वायुमंडल गर्म समुद्री हवा को ढक्कन या टोपी की तरह ढंक लेता है। यह घटना तब होती है, जब समुद्र के तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव आता है। इस वजह से समुद्र की गर्म सतह ज्यादा गर्म हवाओं को ऊपर उठने को मजबूर करती हैं। सामान्य शब्दों में समझें तक वायुमंडल का उच्च दबाव गर्म हवा को नीचे की ओर धकेलता है। इसके चलते गर्म हवा वातावरण में फैलने लगती है और वह गर्म चैंबर की तरह काम करने लगती है।
हीट डोम का प्रभाव: अकाल की बन सकती है स्थिति
हीट डोम की स्थिति में जो लोग बिना एयर कंडिशनर के रहते हैं, उनके लिए अत्यधिक तापमान को झेलना नामुमकिन होने लगता है और अचानक मौतों का सिलसिला शुरू हो जाता है, जैसा कि कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्से में देखने को मिला है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इसके चलते फसल भी बर्बाद हो सकती हैं और हरियाली खत्म हो सकती है, जिससे अकाल की स्थिति पैदा हो सकती है।
प्रचंड गर्मी के चलते ऊर्जा की मांग भी बढ़ जाती है। यही नहीं जलवायु की यह घटना जंगल के आग के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है, जिसके चलते अमेरिका की काफी हरी जमीन हर साल बर्बाद हो जाती है।