नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल संसद में 2021-22 का बजट पेश करेंगी। कोरोना के चलते इस बार बजट की छपाई नहीं की गई है। इस बार इसे डिजीटली ही रिलीज किया जाएगा। बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल का बजट पहले से बेहतर होगा। आम बजट में सरकार वित्त वर्ष में जो कमाई करेगी और जहां भी खर्च करेगी इस बात की जानकारी देती है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजट क्या होता है, कौन इसे बनाता है, देश का पहला बजट कब आया था?… आज हम आपको इन्हीं सवालों के उत्तर देने जा रहे हैं।
बजट क्या होता है?
जिस तरह से हमें अपने दैनिक जीवनयापन के लिए पैसों (बजट) की जरूरत होती है, ठीक उसी भांति देश को चालने के लिए भी बजट की जरूरत होती है। हम अपने खर्चों के लिए बजट बनाते हैं, वो आमतौर पर महीनेभर का होता है। इसमें हम हिसाब-किताब लगाते हैं कि इस महीने हमने कितना खर्च किया और कितना कमाया। इसी तरह से देश का बजट भी होता है। इसमें सालभर के खर्च और कमाई का लेखा-जोखा होता है।
बजट में क्या-क्या होता है?
आम बजट में तीन तरह के आंकड़े होते हैं- बजट एस्टिमेट (बजट अनुमान), रिवाइज्ड एस्टिमेट (संशोधित अनुमान) और एक्चुअल (वास्तविक)।
बजट एस्टिमेट- ये अगले साल का होता है। इस बार 2021-22 के लिए बजट एस्टिमेट बताया जाएगा। यानी इसमें सरकार 2021-22 में होने वाली कमाई और खर्च का अनुमान बताती है।
रिवाइज्ड एस्टिमेट- ये पिछले साल का होता है। इस बार जो बजट पेश होगा, उसमें 2020-21 का रिवाइज्ड एस्टिमेट बताया जाएगा। यानी पिछले बजट में सरकार ने जो अनुमान लगाया था, उस अनुमान के हिसाब से उसकी कितनी कमाई और कितना खर्च हुआ। रिवाइज्ड एस्टिमेट बजट एस्टिमेट से कम-ज्यादा भी हो सकता है।
एक्चुअल- ये दो साल पहले का होता है। इस बार बजट में 2019-20 का एक्चुअल बजट बताया जाएगा। यानी 2019-20 में सरकार को असल में कितनी कमाई हुई और कितना खर्च हुआ।
बजट को किसने बनाया है
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम: मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने फाइनेंशियल इकोनॉमिक्स में पीएचडी की है। मुख्य आर्थिक सलाहकार बनने से पहले कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम इंडियन स्कूल आॅफ बिजनेस में पढ़ाते थे। कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन को बैंकिंग, कॉरपोरेट प्रशासन और आर्थिक नीति का एक्सपर्ट माना जाता है। आर्थिक सर्वे के समय उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था वी शेप रिकवरी आएगी।
अजय भूषण पांडे: वर्तमान में अजय भूषण पांडे राजस्व सचिव हैं और वो महाराष्ट्र कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इसके अलावा अजय भूषण पांडे यूआईडीएआई के सीईओ भी रह चुके हैं। इन्होंने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। फरवरी महीने के अंत में अजय भूषण पांडे रिटायर हो जाएंगे।
टीवी सोमनाथन: टीवी सोमनाथन व्यय विभाग के सचिव हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। वह 1987 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। टीवी सोमनाथन विश्व बैंक में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय में बतौर संयुक्त सचिव काम कर चुके हैं।
तरुण बजाज: तरुण बजाज में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव के तौर पर कार्यरत हैं। वह 1988 हरियाणा बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वित्त मंत्रालय में काम करने से पहले वह प्रधानमंत्री कार्यालय में काम कर चुके हैं।
देबाशीष पांडा: देबाशीष पांडा वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव हैं। वह 1987 बैच के उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी हैं। उनकी जिम्मेदारी आरबीआई के साथ मिलकर काम करने की भी है।
1860 में आया था पहला बजट
देश का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को ब्रिटिश सरकार के वित्त मंत्री जेम्स विल्सन ने पेश किया था। आजादी के बाद पहला बजट देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था। यह बजट 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक की अवधि के लिए था। 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र की स्थापना के बाद पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया गया था।